भगवान विष्णु के अवतार भगवान सहस्त्रार्जुन की जयंती धूमधाम से मनी
अजय जायसवाल
गोरखपुर। जनपद के मोहरीपुर बाजार में अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुवचन्द जायसवाल के आवास पर भगवान विष्णु के 24वें चक्र सुदर्शन अवतार भगवान सहस्त्रार्जुन जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। भगवान सहस्त्रार्जुन की जयंती उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में खास करके पूर्वांचल में अब धूमधाम से जयंती मनाई जा रही है।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि भगवान सहस्त्रार्जुन के मंदिर का निर्माण भी पूर्वांचल के कई जिलों में होना प्रस्तावित है। भगवान सहस्त्रार्जुन ट्रस्ट का निर्माण नहीं हो पा रहा जिसके कारण मंदिर की आधारशिला नहीं रखी जा रही है। शीघ्र ही इस दिशा में उत्तर प्रदेश महासभा द्वारा आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए ट्रस्ट का निर्माण करेगी।
श्री जायसवाल ने कहा कि भगवान सहस्त्रार्जुन जब रावण को बंदी बना बनाकर अपनी राजधानी महिष्मति में लाए थे तो उसी समय राजधानी में दीपक जलाकर उत्सव मनाया गया था ग्रंथों में वर्णन है कि रावण के दशों सिर दीपक और हाथ में एक दीपक देशी घी का रखकर जलाया गया था ।उसके बाद महिष्मति के नागरिकों द्वारा उत्सव नृत्य करके खुशियां मनाई गई थी। लंकापति रावण अनेक देवताओं को अपने यहां बंदी बनाकर रखा था जब रावण बंदी बनाया गया तो जनमानस में खुशियां दिखाई देने लगी थी। उसी दिन दीपक प्रज्वलित का उत्सव मनाया गया था। उसी समय से यह परम्परा रूप में प्रचलित हो गई थी।
अब प्रतीक के रूप में उत्सव मनाया जाने लगा। अपने समाज के विद्वान स्वामी अशोक आनंद जी महाराज ने श्री राजराजेश्वर भगवान् कार्तवीर्यार्जुन पुराण सात खंडों में प्रकाशित किया है। भगवान कार्तवीर्यार्जुन के अनेकों नाम सहस्त्रार्जुन, सहस्त्रबाहु आदि नामों से प्रचलित हुए। भगवान कार्तवीर्यार्जुन के वंशजों के संबंध में संक्षिप्त वर्णन माता सती अनुसूया व अत्रिमुनि के पुत्र दत्तात्रेय, दुर्वासा व चन्द्र से लेकर कार्तवीर्यार्जुन तक सम्पूर्ण वंशजों का वर्णन पुराणों एवं अन्य ग्रंथों द्वारा प्रमाणित है।
श्री राजराजेश्वर भगवान भगवान कार्तवीर्यार्जुन पुराणों के माध्यम से जन-जन तक धीरे-धीर प्रचार व प्रसार होने के कारण स्वजाति बंधुओं में अपने वंश के भगवान सहस्त्रार्जुन के संबंध में अनेक जानकारियां होने पर छोटी-छोटी लेख के माध्यम से अपने वंशजों के इतिहास से लेकर उनके शासनकाल का भी वर्णन किया जाने लगा है। जो आने वाले समय में इसका बृहद रूप दिखाई देने लगेगा। इस अवसर पर तमाम स्वाजातीय बंधु उपस्थित रहे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।