कैंडल मार्च निकालकर पीड़ित परिवार को मुआवजा व आरोपी को फांसी की उठी आवाज

कैंडल मार्च निकालकर पीड़ित परिवार को मुआवजा व आरोपी को फांसी की उठी आवाज

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। जनपद के बहुचर्चित हत्याकांड को लेकर पुलिस प्रशासन से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। किसी के भी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि यह घटना इस तरह से कौन सिरफिरा अंजाम दे सकता है जिसके सामने मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि दूर-दूर तक इसकी आहट सुनी जा सकती थी।

कारण बहुत स्पष्ट है कि 22 वर्षीय महिला की कई टुकड़ों में कूंए में लाश को छत विछत करके उसकी पहचान मिटाने का अपराधियों द्वारा जो कृत्य किया गया था, उन सब पर विराम लगाते हुए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के दिशा निर्देश पर पुलिस के जिम्मेदार लोगों ने अपराधियों तक ही नहीं पहुंचा, बल्कि घटना से संबंधित जितने भी लोग थे उनको कटघरे में ले आकर खड़ा देकर दिया जाता है।

इतना ही नहीं, घटनास्थल से लेकर घटना को अंजाम देने वाले उपकरण को भी उपलब्ध कराने के साथ ही लाश के गायब हुए सिर को भी कब्जे में लेकर इनकाउंटर में मुख्य आरोपी को घायल कर यह दिखाने का पूरा प्रयास ही कर दिया। अपराधी लाख प्रयास करें बचने के लिए लेकिन पुलिस के जिम्मेदार लोग मुस्तैदी से अपराधियों को हवालात में डाल कर ही छोड़ते हैं। इसी बीच मृतका की शिनाख्त अनुराधा के रूप में हो जाती है। उनके पिता केदारनाथ प्रजापति ग्राम इसहाकपुर के रहने वाले हैं। इस घटना को हुए 10 दिन के आसपास हो जाते हैं। पिता द्वारा किसी तरह से उसका दाह संस्कार कर दिया जाता है लेकिन अब गांव वाले चुप बैठने वाले नहीं हैं।

सोमवार की शाम हाथों में मोमबत्ती लिए हुए शांति मार्च को ग्राम पंचायत नागपुर से बस्ती भुजबल बाजार तक शांति मार्च निकाले जिसका नेतृत्व कल्लू चौबे प्रधान प्रतिनिधि कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परिवार को कम से कम 50,00000/-रुपया सरकार की तरफ से देना चाहिए, क्योंकि वह सब निहायत गरीब है। साथ ही कम से कम एक परिवार के लोगों को नौकरी भी दी जाए। इसके अलावा रास्ते भर यही नारा चल रहा था कि अनुराधा हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं। अपराधी को फांसी दी जाए। लगभग 3 किलोमीटर तक यह शांति मार्च चला और हर वर्ग से लेकर इस जुलूस में बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं, अपराधी के प्रति गुस्सा और अनुराधा के प्रति आत्मीयता दिखाई दे रही थी। वहीं पर पुलिस प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द किए गए उजागर तथ्यों से लोग सुकून भी महसूस कर रहे थे कि पुलिस प्रशासन जिस तत्परता से अपराधियों तक पहुंच कर जिम्मेदारी से पर्दाफाश कर दिया। उसको लेकर चारों तरफ सम्मान दिखाई दे रहा है।

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