थम नहीं रही स्वामी की जुबान, फिर दिया विवादित बयान, ब्राह्मणों के खिलाफ उगला आग
बीते दिनों रामचरितमानस के बयान पर कहा कि पुजारी—पण्डा के अलावा कोई नहीं कर रहा विरोध एक जाति वर्ग का हम पहले ही कर रहे थे विरोध, शिवपाल की बात सही यह मेरा व्यक्तिगत बयान
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। इन दिनों अपने विवादित बयानों से बीजेपी में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी का दामन थामने के एक ही वर्षों के बाद उनके सुर बदल चुके हैं। अभी हाल ही में हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर कई हिंदू संगठनों ने स्वामी प्रसाद मौर्या का पुतला फूंका विरोध भी जताया था। वहीं लखनऊ में इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था किंतु बुधवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की फिर तीखी टिप्पणी आई जिससे राजनीतिक गलियारों में शब्द मौसम के बावजूद गर्माहट आ चुकी है।
बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मण समाज के खिलाफ जुबानी आग उगलते हुए राम चरित मानस पर की गई टिप्पणी पर कहा कि सिर्फ जाति विशेष के लोगो द्वारा ही मेरे बयान का विरोध किया जा रहा है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य बुधवार को एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने रायबरेली पहुचे थे जहां उन्होंने कहा कि रामायण पर की गई टिप्पणी पर आज भी स्वामी अडिग रहेंगे। स्वामी प्रसाद के निजी कार्यक्रम में रायबरेली पहुंचते ही त्रिपुला चौराहे पर गर्मजोशी से सपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। श्री मौर्य यह भी कहा की यह बयान एक जाति विशेष का मामला है।
पंडे पुजारियों का है। इसके धंधे पर खतरा दिखाई दे रहा है इनको आभास हो गया है कि मौर्या के आवाहन पर दलित पिछड़े एक हो गए है तो यह मंदिर आना बंद कर देंगे। जिससे उनका धंधा का चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी। उनका धंधा ठप हो जाएगा। वही पागलों के तरह भौक रहे हैं। शिवपाल यादव के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने झाड़ा पल्ला और कहा कि शिवपाल यादव यादव द्वारा स्वामी के बयान पर पल्ला झाड़ने के मामले पर स्वामी ने कहा कि उन्होंने बिल्कुल सही कहा है। मैंने अपना बयान देते समय ही कहा था कि यह मेरा बयान है।
सत्ताधारी पार्टी के मंत्री विधायकों द्वारा स्वामी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मैंने किसी धर्म किसी के आराध्य पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। मैं सिर्फ धर्म के नाम पर दलितों पिछड़ों आदिवासियों और महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध कर रहा हूं और उसको करता रहूंगा। हो कुछ भी, स्वामी के इस दूसरे विवादित बयान को लेकर ब्राह्मण संगठनों में आक्रोश व्याप्त है।
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