जन सहभागिता आवश्यक है आक्सीजन के लिएः बादल चोपड़ा
जन सहभागिता आवश्यक है आक्सीजन के लिएः बादल चोपड़ा
आर एल पाण्डेय
लखनऊ। करोना काल में जिस प्रकार जनमानस आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहा था, उसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हरित आवरण (ग्रीन कवर) के लक्ष्य को 15 फीसदी तक बढ़ाना एक सराहनीय कदम है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में हरित आवरण 9.23 प्रतिशत है।
पौधे हमारे जीवन के लिए अत्यधिक उपयोगी है। जो हमें जीने के लिए प्राण वायु आक्सीजन देते हैं।हरित भारत अभियान के अंतर्गत 6 लाख हेक्टेअर वनीकरण का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत देश के 33ः क्षेत्रों को वन और पेड़ों से आच्छादित करना है।पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए आयोजित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 22 अप्रैल को 2009 में अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस के रूप में नामित किया।
इसका उद्देश्य यह याद दिलाना है कि ष्हमारे पारिस्थितिक तंत्र जितने स्वस्थ हैं, ग्रह और उसके लोग उतने ही स्वस्थ हैंष्। संयुक्त राष्ट्र 22 अप्रैल के पदनाम को पिछले वैश्विक जलवायु कार्यों की एक श्रृंखला के साथ जोड़ता है जो स्टाकहोम में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 1972 और 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना के साथ शुरू हुआ था। 1992 में, एजेंडा 21, रियो रियो डी जनेरियो अर्थ समिट में पर्यावरण और विकास पर घोषणा को अपनाया गया थाष्।बिना जन सहभागिता के पर्यावरण नहीं सुधर सकता है। लोगों को पर्यावरण को बचाने के लिए आगे आना होगा।इसमें जन सहभागिता भी जरूरी है। लोग पेड़ पौधों को काटे नहीं बल्कि लगायें ताकि धरती को फिर से हरा भरा किया जा सके। पेड़ पौधे कटने के कारण ही पर्यावरण संतुलन बिगड़ा है। इसके लिए दोषी हम सभी लोग हैं। निजी स्वार्थ के लिए पौधों को नष्ट किया गया।
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