पटना मेट्रो की प्रगति का हाल बेहाल
पटना (पीएमए)। राजधानी पटना में जाम से निजात पाने व ट्राफीक व्यवस्था कंट्रोल करने के ख्याल से ही 32.487 किलो मीटर लंबी पटना मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन, यह कछुए की चाल से चल रही है। क्योंकि, पटना मेट्रो की आधारशीला रखे हुये 29 माह हो गये हैं। लेकिन, कार्य एक प्रतिशत ही हुआ है। यह कहना है बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का। उन्होंने कहा- नई दिल्ली में पटना मेट्रो रेल का निर्माण करा रहे दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी मंगू सिंह व डायरेक्टर दलजीत सिंह से हुयी मुलाकात में उन्होंने जानकारी दी कि टेंडर हो जाने के बावजूद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है। 17 फरवरी 2019 को पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथों शिलान्यास के उपरांत अभी तक पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की भौतिक प्रगति 1 प्रतिशत व वित्तीय उपलब्धि मात्र 3.1 प्रतिशत है।
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पटना मेट्रो के डिपॉजिट वर्क करा रहे दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक, प्रायॉरिटी कॉरिडोर आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक जिसमें 6.60 किलो मीटर एलिवेटेड होगा, का कार्य प्रारम्भ हो गया है। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डिपो ( रेल इंजन व कोच के रख-रखाव तथा मरम्मत की जगह) के निर्माण के लिये 20 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जिसके अधिग्रहण पर राज्य सरकार को करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। डिपो निर्माण के लिये टेंडर हो चुका है, जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा। राजधानी पटना में 13,365.77 करोड़ की लागत वाली 32.487 किमी लंबी पटना मेट्रो परियोजना का निर्माण दो कॉरिडोर में होना है। पहला कॉरिडोर 17.933 व दूसरा 14.554 किमी का क्रमशः दानापुर से मीठापुर और पटना जंक्शन से आईएसबीटी होगा। इसके लिये जापान से 5520.93 करोड़ का ऋण भी लिया जाना तय है।
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