बिना दखल के किसी भी पत्रावली का निस्तारण नहीं करते पेशकार महोदय
बिना दखल के किसी भी पत्रावली का निस्तारण नहीं करते पेशकार महोदय
दाखिल-खारिज की पत्रावली को बिना चढ़ावे के निस्तारित नहीं करते तहसीलदार के पेशकार
आईजीआरएस पोर्टल की शिकायतों का निस्तारण करते हैं तथाकथित कर्मचारी अनुराग व धर्मेन्द्र
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। मुख्यमंत्री की बेदाग छवि की साख को उनके ही मातहत धब्बा लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताते चलें कि वर्षों से सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार मुहिम चलने के बावजूद भी अनियमितता कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उल्लेखनीय है कि एसडीएम के न्यायालय में एक तथाकथित कर्मचारी मनोज पांडेय लगातार सरकारी पत्रावलियों में काम करता रहता है। कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी इस तथाकथित कर्मचारी का दखल बराबर बना हुआ है। यह तो बानगी मात्र है। ऐसे दर्जनों तथाकथित कर्मचारी विभिन्न पटलो पर गोपनीय पत्रावलियो में काम करते आसानी से देखें जा सकते हैं।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार की महात्वाकांक्षी योजना आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण भी अनुराग और धर्मेंद्र नामक तथाकथित कर्मचारी करते हैं जिसको लेकर सदर तहसील में तरह तरह की चर्चाओं का दौर जारी है। अगर तहसीलदार न्यायालय की तरफ गौर किया जाए तो सलोन से स्थानांतरित होकर आए पेशकार के मनमाने रवैये से पीड़ित आजिज हैं। सूत्रों की मानें तो वरासत से लेकर दाखिल खारिज की किसी भी पत्रावली को निस्तारित करा पाना टेढ़ी खीर है। इस भ्रष्ट पेशकार के काले कारनामों की बड़ी लम्बी फेरहिस्त है। फिलहाल तहसीलदार न्यायालय में हर समय मौजूद रहने वाले तथाकथित कर्मचारियों के काम करने का समय बदल जाने से अब वादकारियो को भटकना पड़ रहा है, क्योंकि चर्चा है कि यह पेशकार बिना तथाकथित कर्मचारियों के दखल के किसी भी पत्रावली का निस्तारण नहीं करता है। इस संबंध में सदर एसडीएम शिखा शंखवार के सीयूजी नंबर पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका नंबर नाट रीचबल बता रहा था।