संसाधनों के बावजूद पंचायत भवन नहीं आते पंचायत सहायक
विशाल रस्तोगी सीतापुर। आम जनमानस को समस्याएं न हो जिसके चलते प्रदेश सरकार ने सभी गांवों को ग्रामपंचायत सचिवालय बनवाये हाल में भी सभी ग्राम पंचायत सचिवालयों में डाटा ऑपरेटर की वैकेंसी के तहत एक एक डाटा ऑपरेटर की तैनाती की गई है लेकिन पंचायत सहायक की तैनाती का खाका तो खीच गया इसके बावजूद हप्तों बीत जाने बाद भी पंचायत भवनों पर ऑपरेटर नही आते जिससे आम जन मानस को होने वाली समस्या जस के तस बनी हुई है।
ज्यादातर पंचायत भवन महीनों तक बंद पड़े रहते है। विकास खंड गोंदलामऊ में बने पंचायत भवन खुलने का नाम नही ले रहे जिनका मुख्य कारण पंचायत भवनों पर तैनात डाटा ऑपरेटरों का न आना है। ब्रस्पतिवार दस बजे पंचायत भवन जैनापुर बंद मिला जिसके बाद दस बजकर पंद्रह मिनट पर पंचायत भवन सरवा पंचायत भवन बंद मिला जिसके बाद हम ग्राम पंचायत सरैया में पंचायत भवन बंद मिला डाटा ऑपरेटर शिवांगी पांडेय बिना छुट्टी के अनुपस्थित थी, दस बजकर तीस मिनट पर ग्राम पंचायत जैनापुर बंद मिला। 10 बजकर 40 मिनट पर जैनापुर पंचायत भवन पर जाने पर पंचायत भवन बंद मिला। उनसे रोज कहा जाता है लेकिन वह आती नही है। विभागीय लापरवाही के चलते सरकार द्वारा ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है।
ग्रामीणों ने इस लापरवाही व मनमानी पर कड़ी नाराजगी जताई है। ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया तेजी से आगे बढ़ सके तथा पात्रों को योजनाओं का समुचित लाभ सुचारु रूप से मिल सके जिसके चकते प्रक्रिया के बाद बीते दिनों ही पंचायत सहायकों को विशेष प्रशिक्षण के बाद उन्हें संबंधित ग्राम पंचायत स्थित पंचायत भवन में तैनात कर दिया गया जिनका मानदेय सरकार द्वारा छः हजार का मानदेय भी दिया जा रहा है। पंचायत सचिवों के न आने से राजस्व का भी काफी नुकसान हो रहा है। मामले पर पंचायत सचिव जैनापुर, सरवा, की विनीता वर्मा से जब पंचायत ऑपरेटरों के नाम पूछने पर बताया गया कि हम नाम नही बताएंगे। आपको जो छापना है छाप दीजिये छुट्टी पर है या नही इसको लेकर कोई जवाब नही दिया। मामले में बीडीओ गोंदलामऊ अजित यादव से बात करनी चाहिए तो उनका नम्बर बन्द आया है।
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