चूना पत्थर के अंगूठे प्रयोग से वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास करेगा एनटीपीसी
संदीप पाण्डेय
ऊंचाहार, रायबरेली। एनटीपीसी ऊंचाहार में चतुर्थ चरण विस्तार क्षेत्र में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है। इसी दिशा में कार्य करते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार ने चूना पत्थर के अनूठे प्रयोग की नई पहल की है जिसकी मदद से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
इसके माध्यम से एफजीडी के अंतर्गत परियोजना में 15 हजार मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का उपयोग करते हुए फ्लाईओवर नुमा आर ई वाल रैंप तैयार किया गया है जो पूरे एनटीपीसी में पहली बार हुआ है। इस रैंप की सहायता से चूना पत्थर को परियोजना में लाकर उपयोग किया जाएगा। यह उल्लेखनीय है कि भारत में पहली बार है कि किसी विद्युत ग्रह में फ्लाई ओवर नुमा आर ई वॉल रैंप को एफजीडी प्लांट की सेवा के लिए तैयार किया गया है। इस आर ई वॉल रैंप के माध्यम से चूना पत्थर को सीधे तौर पर प्रयोग करने के लिए लेकर जाया जा सकेगा।
इस नए प्रयोग के माध्यम से न केवल वायु की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा, बल्कि इसके माध्यम से गैसों में व्याप्त सल्फर की मात्रा को चूना पत्थर में मिश्रित कर कार्बनडाई आक्साइड में परिवर्तित करने में भी मदद मिलेगी जिससे आस-पास के पर्यावरण का स्तर बेहतर बनाने में सहायता होगी। उल्लेखनीय है कि विद्युत उत्पादन प्रणाली में चिमनी द्वारा जो प्रदूषण फैलाने वाली गैसें वायु प्रदूषण का कारण बनती थीं, इस प्रणाली के माध्यम से उन गैसों को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकेगा। एनटीपीसी कंपनी में ऊंचाहार परियोजना एफजीडी पोर्टफोलियो में चूना पत्थर प्राप्त करने वाली पहली परियोजना बनकर सामने आई है जो अवशोषक को अभिकर्मक घोल में मिश्रित करने और उसका उपयोग करने के लिए अपने को तैयार कर लिया है।
परियोजना एफजीडी के क्षेत्र में इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने पर मुख्य महाप्रबंधक कमलेश सोनी ने पूरी एफजीडी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऊंचाहार परियोजना ने चूना पत्थर उतारने के साथ कमीशनिंग के एक उन्नत चरण में प्रवेश कर लिया है। श्री सोनी ने इस उपलब्धि को हासिल करने वाली एफजीडी टीम समेत सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी ऊंचाहार की ओर से ये एक सराहनीय पहल है।
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