स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने वाली पशुधन प्रणाली को देना होगा बढ़ावा: डा. नवीन
स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने वाली पशुधन प्रणाली को देना होगा बढ़ावा: डा. नवीन
जितेन्द्र सिंह चौधरी/अतुल राय
वाराणसी। प्राकृतिक खेती के लिये स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने वाली पशुधन प्रणाली को बढ़ावा देना होगा ताकि समूह सहित कृषि दीदियां आत्मनिर्भर बन सके। उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत चयनित कृषि सखियों का प्राकृतिक खेती विषयक पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. नवीन कुमार सिंह ने कही।
वैज्ञानिक डा. प्रतीक्षा सिंह द्वारा प्रशिक्षुओं को स्वास्थ्य और पोषण के विषय पर जानकारी देते हुए आहार विविधता, आहार विविधता का उद्देश्य तथा स्वस्थ्य आहार योजना के बारे में जानकारी दी। प्रगतिशील कृषक उदयभानु सिंह ने प्रशिक्षुओं को फसल और पशुधन एकीकरण के लिए कृषि पारिस्थितिकी सिद्धांत के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक कमलेश सिंह, सत्र प्रभारी सुरेश तिवारी, केएल पथिक, अमरनाथ द्विवेदी, सुरेश पाण्डेय, कृषि सखी माला, आराधना देवी, आरती पटेल, रेखा देवी, जगमानी, रामलली पटेल, प्रियंका देवी, सुनैना चौरसिया, ममता, भारती देवी, माया भारती, संगीता देवी, सरिता देवी, संजू यादव, नीलम देवी, संगीता सिंह, नीलम कुमारी, शशिकला, लालती विश्वकर्मा, अनिता देवी, माधुरी पटेल, प्रतिमा पटेल सहित जनपद वाराणसी के सभी विकास खण्डों से चयनित 68 कृषि सखियों ने प्रतिभाग किया।
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