दुर्वासा धाम पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुबकी, प्रशासन ने ली राहत की सांस

दुर्वासा धाम पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुबकी, प्रशासन ने ली राहत की सांस

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। जनपद मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित दुर्वासा धाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यहां पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाकर पूण्य के भागी बनते हैं। 3 विकास खंडों में पड़ने वाला यह मेला दुर्वासा धाम के पवित्र तट पर स्थित तमसा, मंजूषा दो नदियों के मध्य स्थित लगभग 10 किलोमीटर दूर तक या मेला फैला रहता है।

3 दिन तक चलने वाले इस मेले में ग्रामीण अंचल में यूज होने वाले समस्त सामानों की बिक्री खुद द्वारा बनाकर लोग अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करते हैं। वहीं पर पंडे—पुजारियों की भारी भीड़ के बीच दांन, तर्पण, अर्पण आदि की प्रक्रिया भी नदी के किनारे खूब चलती है। दूर-दूरांचल से चर्चित, प्रचलित खजले की दुकान, मशहूर झूला, नाट्य कला की मशहूर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाता है और चार भागों में फैला हुआ यह मेला अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। दूर-दराज से लोग इस मेले में संगम तट पर स्नान कर जहां पर लोग पूण्य के भागी बनते हैं। वहीं अपने स्वजनों से मिलकर लोग काफी सुख का अनुभव भी करते हैं। साथ ही सवारी गाड़ियों आदि के द्वारा भी लोग अब इस तट पर पहुंचने का पूरा प्रयास करते दिखाई दे रहे थे जिससे ऑटो आदि के लोग भी बड़े पैमाने पर आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने से पीछे नहीं रहते हैं।

वहीं सुरक्षा के नाम पर पुलिस प्रशासन से लेकर जिम्मेदार अधिकारी मेले में किसी भी तरह से कोई असुविधा या कोई गतिविधि जो संदिग्ध दिखाई देती है, उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखी जाती है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस मेले में भारी भीड़ के बीच कुछ लोगों की नियत साफ दिखायी नही देती जिस पर पुलिस पैनी नजर रखकर उनके ऊपर भी सख्त कार्यवाही करने से पीछे नहीं रहती है। वहीं पर उप जिला मजिस्ट्रेट निजामाबाद रवि कुमार ने बताया कि मेले की व्यवस्था को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए फूलपुर उप जिला मजिस्ट्रेट एवं कोतवाली प्रशासन से संबंधित अन्य क्षेत्रों के भी जिम्मेदार अधिकारियों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।

मेंले में किसी भी तरह से कोई असुविधा हो तो उसके लिए प्रशासन मुस्तैदी से उस पर कार्यवाही कर सकें। वहीं रवि कुमार उप जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि मेले में स्वास्थ्य कर्मी से लेकर सुरक्षा केे चाक-चौबंद व्यवस्था रखी जा रही है। एंबुलेंस, डायल 112 नंबर बड़ी संख्या में फोर्स, मेला कमेटी की टीम के अलावा नदी में किसी बड़ी घटना या किसी के डूबने या कोई बड़ी घटना घटने की स्थिति में नाविक आदि की व्यवस्था भी कर दी गई है जिससे शासन पूरी तरह से सतर्कता बरते हुए हैं। वहीं दुर्वासा धाम के कार्तिक पूर्णिमा में लगने वाले मेले को ध्यान में रखकर दूर-दूरांचल से साधु, संतों का पैनल भी यहां पर आ पहुंचा है। इसके अलावा छोटे-बड़े दुकानों की लंबी लाइन मेले में लग चुकी है यहां पर ऐसा माना जाता है इस समय 7,8,9 नवंबर को भीड़ तो रहती है। वास्तव में यह मेला 5 दिन का हो जाता है।

मेले में बड़े पैमाने पर लोग पहले ही श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए 7 तारीख को पहुंच जाते हैं और 8 तारीख को स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं। ऐसे में अहिरौला, मिर्जापुर, फूलपुर तीन विकास खंडों के लोग भी इस मेले की सुविधा किसी भी तरह से असुविधा में ना बदले जिस पर जिले से लेकर तहसील स्तर तक की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाती है। भीड़ से अबकी बार ऐसा लग रहा था। मेला का क्षेत्र पूरा विस्तार रूप ले लिया था। एक्सप्रेस वे से लेकर कई किलोमीटर एरिया में मेला फैला हुआ था जिस पर प्रशासन निगरानी पर निगरानी किये जा रहा था।

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