Jaunpur News : विस चुनावः खुटहन क्षेत्र के मतदाताओं की चकल्लस
खुटहन, जौनपुर। शाहगंज विधानसभा का चुनाव बहुत रोचक हो गया है। एक तरफ 4 बार के विधायक शैलेंद्र यादव ललई है और 5वीं बार जीत के लिए मैदान में हैं। दूसरी तरफ खुटहन ब्लाक के पूर्व प्रमुख रमेश सिंह हैं। इस विधानसभा के ऊपर खुटहन ब्लाक प्रमुख चुनाव का साया अभी भी है। पूर्व में जब अविश्वास प्रस्ताव सपा के प्रमुख के खिलाफ आया था, उस समय वर्तमान विधायक के समर्थकों ने प्रमुख को हराने के लिए रमेश सिंह से हाथ मिला लिया था। हालाँकि उसके बाद सब के ऊपर मुकदमा हुआ। यहां तक कि वृद्ध महिला प्रमुख के खिलाफ भी 307 में मुकदमा लिखा गया और शैलेंद्र यादव जी जेल भी गये। इस बात का यादवों में बहुत विद्रोह है रमेश सिंह के खिलाफ परंतु उसके बाद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ पुनः वही महिला प्रत्याशी समाजवादी पार्टी से थी।
परिस्थितियां बदलीं और वर्तमान विधायक का परिवार और उनके समर्थक के साथ रमेश सिंह सबने हाथ मिला लिया और सपा प्रत्याशी को हराने के लिए भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आ गये। खुटहन ब्लाक प्रमुख पद पर भाजपा का कब्जा हो गया। बाजी पलटी और अब विधानसभा चुनाव में रमेश सिंह पुनः विधानसभा चुनाव में शैलेंद्र यादव ललई के खिलाफ भाजपा गठबंधन से आ गए और खुटहन ब्लाक प्रमुख चुनाव तक चली दोस्ती खतम हो गयी। यहां अब यह बात उल्लेखनीय है कि वर्तमान भाजपा ब्लाक प्रमुख न अपनी दोस्ती वर्तमान विधायक के परिवार से निभा रहे हैं और रमेश सिंह का प्रचार नहीं कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी के पुत्र सपा के लिए प्रचार के साथ वोट की अपील जरूर कर रहे हैं परंतु विधायक के साथ घूमने से परहेज कर रहे हैं।
खुटहन ब्लाक में यादवों के मन में इस बात की शिकायत जरूर है कि सपा विधायक ने मुकदमे में कोई मदद नहीं की। वहीं पूर्व प्रमुख पुत्र के प्रति लोगों का यह मानना है कि चुनाव भीतरघात से हारने के बावजूद उन्होंने जमानत से लेकर इलाहाबाद में केस की पैरवी तक हमेशा किराए की गाड़ी कर सभी समर्थकों को न्यायिक मदद की। अभी हाल में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खुटहन आगमन पर पूर्व प्रमुख पुत्र राजीव यादव जो लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव हैं, ने अपनी ताकत भी दिखायी थी और अखिलेश जी ने उनको अपने रथ पर जगह भी दी थी। खुटहन चुनाव में लड़ रहे दोनो प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का यह खट्टा मीठा रिश्ता बहुत गड्ड मड्डा है। ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो चुनाव के बाद पता चलेगा परंतु इतना तय है कि खुटहन ब्लाक प्रमुख के पिछले अविश्वास प्रस्ताव और वर्तमान चुनाव में रमेश सिंह और वर्तमान विधायक एवं उनके परिवार की भूमिका का असर विधानसभा चुनाव पर जरूर रहेगा।
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