ताईबाई के महल का अंदरूनी हिस्सा गिरा
ताईबाई के महल का अंदरूनी हिस्सा गिरा
रंजीत सिंह
जालौन। नगर में स्थित ऐतिहासिक महत्व के ताईबाई के महल का अंदरूनी भाग बारिश के चलते भरभरा कर गिर गया। महल के अंदर स्थित पेड़ भी धराशाई हुआ। वहीं मंदिर में स्थित शिव मंदिर क्षतिग्रस्त होने से बच गया। नगर के लोगों ने ताईबाई के महल का जीर्णाेद्धार कराने की मांग की है। नगर में तहसील रोड पर ऐतिहासिक महत्व का ताईबाई का महल स्थित है। मराठा साम्राज्य के समय निर्मित उक्त महल नगर की शासिका ताईबाई के रनिवास के रूप में जाना जाता था। इस महल के बीच में भगवान शंकर का मंदिर भी स्थित है।
माना जाता है कि शासिका ताईबाई इसी शिव मंदिर में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करती थी। उक्त शिव मंदिर का जीर्णोद्धार तहसीलदार अजब सिंह ने वर्ष 1967 में कराया था। दो वर्ष पूर्व तहसीदार बलराम गुप्ता ने भी शिव मंदिर का जीर्णाेद्धार कराया था। स्वतंत्रता के बाद उक्त महल में करीब चालीस वर्षों तक तहसील कार्यालय संचालित रहा। हालांकि तत्कालीन डीएम डा. मन्नान अख्तर ने महल को पर्यटन स्थल में विकसित कराने की मुहिम शुरू की थी जिसमें ताईबाई के महल का भी नाम था। इस संदर्भ में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का एक वीडियो भी उन्होंने जारी कराया था। जब तक तहसील कार्यालय संचालित रहा तब तक उक्त महल की देखरेख होती रही। इसके बाद जब इसी परिसर में नए तहसील भवन का निर्माण हुआ तो उक्त महल के भी दुर्दिन शुरू हो गए। लगभग पांच वर्ष पूर्व महल के बाहर का एक हिस्सा बारिश में क्षतिग्रस्त हुआ था।
इसके बाद अब अंदर के हिस्से भी धराशाई होने शुरू हो गए हैं। रविवार की सुबह करीब नौ बजे उक्त महल के अंदर का हिस्सा भरभरा कर गिर गया। साथ ही मंदिर के अंदर स्थित करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना पीपल का पेड़ भी गिर गया। हालांकि मंदिर में स्थित भगवान शिव का पुरातन मंदिर क्षतिग्रस्त होने से बच गया। नगर के विपुल दीक्षित, वैभव अग्रवाल, रामजी अग्रवाल, अनुराग बहरे आदि ने प्रशासन से मांग की है कि नगर के एतिहासिक महत्व के रानी ताईबाई के महल का जीर्णाेद्धार कराया जाए और उसे क्षतिग्रस्त होने से बचाया जाए ताकि नगर की पुरातन धरोहर कायम रह सके। उक्त संदर्भ में तहसीलदार बलराम गुप्ता ने बताया कि उक्त महल के जीर्णोद्धार को लेकर उन्होंने पुरातत्व विभाग को लिखा था। पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे भी किया गया था। शायद बजट के अभाव में जीर्णोद्धार नहीं हो सका। वह एक बार फिर अधिकारियों को सूचित कर जीर्णोद्धार का प्रयास करेंगे।