बिना सुरक्षा कैसे बांटी जायेगी खाद, सचिव को दबंग ने दी जान से मारने की धमकी
दबंग ने सचिव को जातिसूचक गालियां देते हुये दस्तावेज फाड़े
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। अपराधियों को कानून का डर आज भी नहीं है तभी वह खुलेआम जान से मारने की धमकी देते हैं। दबंग प्रवृत्ति के व्यक्ति ने साधन सहकारी समिति के सचिव को जान से मारने की धमकी दी। मामला रायबरेली जिले का है जहां की निहस्था साधन सहकारी समिति के सचिव इंद्रेश कुमार को क्षेत्र के ही रहने वाले दबंग नीलेंद्र सिंह ने फोन करके जान से मारने की धमकी दी है।
मामला 3 दिसंबर का तब है जब शाम 5 बजे समिति बंद करने का समय हुआ। तब क्षेत्र के दबंग नीलेंद्र सिंह वहां पहुंचा और उसने सचिव के साथ मारपीट की साथ ही समिति में रखे सरकारी दस्तावेज फाड़ दिए। वहां मौजूद अन्य किसानों ने इसका विरोध भी किया लेकिन दबंग प्रवृत्ति के व्यक्ति ने घटना को अंजाम दिया और फरार हो गया। मामले की जानकारी सचिव इंद्रेश कुमार के द्वारा संबंधित थाने को दी गई लेकिन थानेदार मुकदमा लिखने की जगह तरह-तरह की दलील देते नजर आए।
मामला गंभीर है। खाद की किल्लत है। सरकारी दस्तावेज फाड़ने और सरकारी काम में अड़ंगा लगाने से संबंधित है लेकिन खीरों थाना के इंचार्ज दबंग प्रवृत्ति के व्यक्ति का बचाव करते हुए देखे जा रहे हैं।
दबंग को बचाने के लिये तरह-तरह की दलीलें दे रहे थाना इंचार्ज खीरो
सरकारी दस्तावेज फाड़ना देवेन्द्र अवस्थी के लिये बड़ा मामला नहीं
रायबरेली। जब काबिल इस्पेक्टर को नजरअंदाज करके एसपी साहब दरोगा को थाना चलाने के लिए देंगे तो सरकारी काम में बाधा डालने वाले भी अपने आपको सुरक्षित महसूस करेंगे। खीरो थाना इंचार्ज भी कुछ ऐसी ही दलीलें साधन सहकारी समिति के सचिव को जान से मारने की धमकी देने वाले को बचाने के लिए दे रहे है।
खीरो के निहस्था के साधन सहायक समिति के सचिव को जान से मारने की धमकी जातिसूचक गाली देने और सरकारी दस्तावेज फाड़ने के मामले में देखने को मिला है थाना इंचार्ज देवेंद्र अवस्थी दबंग को बचाने के लिए तरह-तरह की दलील देते हुए नजर आए। कभी उन्होंने कहा ये पैसे का लेन देन हैं तो कभी कहा खाद न मिलने की वजह से नाराज है जबकि पूरे जिले में निहस्था ही एक ऐसा साधन सहकारी समिति है जहां किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध हो जाती है लेकिन वहां भी कुछ अराजक तत्वों के कारण खाद्य वितरण में अड़ंगा लग रहा है।
निहत्था की साधन सहकारी समिति के सचिव को धमकी देने वाले और सरकारी दस्तावेज फाड़ने वाले के संबंध में जब थानाध्यक्ष देवेंद्र अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने बचकानी दलीले देनी शुरू कर दी कि पैसे का लेनदेन था। अगर पैसे का लेनदेन था तो पैसा समिति का था जिसे ब्याज में किसान लेता है और समय से जमा करता है, उसमें सचिव का व्यक्तिगत क्या मामला है। दबंग द्वारा सरकारी दस्तावेज फाड़ना और सरकारी काम में अड़ंगा लगाना यह कोई मामूली घटना नहीं है। इससे क्षेत्र के सैकड़ों किसान दो दिन से प्रभावित है। खाद्य गोदाम में रखी है लेकिन सचिव डर के मारे क्षेत्र में नहीं जा रहा है।
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