सरकारी मशीनरी को गेंहू खरीदने के पड़े लाले, किसान व्यापारियों के भर रहे झोले
82 हज़ार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य मगर 510 मीट्रिक टन ही हो पाया खरीद गांवों में चौपाल लगाकर किसानों से गेहूं खरीद की मांग करेगा प्रशासन
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। सरकारी मशीनरी लाख कोशिश भले ही कर ले किंतु जिले में इस बार गेहूं खरीद की स्थित बेहद खराब होती नजर आ रही है। इसमें कहीं न कहीं प्रशासन की लचर कार्यशैली की बू आ रही है जिससे सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है।
बताते चलें कि मई माह लगने के पांच दिन बीतने के बावजूद लक्ष्य के सापेक्ष अब तक एक प्रतिशत भी खरीदारी नहीं हुई है। सरकार को गेहूं न मिल पाने के पीछे बाज़ार भाव और एमएसपी में भारी अंतर होना बताया जा रहा है। दरअसल सरकारी एमएसपी 21 से 25 सौ है जबकि बाजार में गेहूं का भाव 22 से 23 सौ रुपये प्रति कुंटल है। रायबरेली में गेहूं खरीद का कुल लक्ष्य 82 हज़ार मीट्रिक टन है। वहीं अब तक यहां कुल 510 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा जा सका है। खरीद बढ़ाये जाने को लेकर जिला प्रशासन नई नई युक्तियों पर काम कर रहा है।
ज़िला प्रशासन ने जहां पिछले सप्ताह किसानों के लिए मोबाइल नंबर जारी कर उस पर फोन कर अपने घर से ही गेहूं तौला कर देने का ऑफर दिया था। वहीं शनिवार से किसान चौपाल लगाना शुरू किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रसेहता और मखदूमपुर में कैम्प लगाकर किसान चौपाल के ज़रिए उनसे राष्ट्रहित में गेहूं दिए जाने का अनुरोध किया जा रहा है।
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