भारत में विविध व्यंजनों की जानकारी रख छात्राएं कर सकती हैं भविष्य को मजबूत: डा. कंचन यादव
भारत में विविध व्यंजनों की जानकारी रख छात्राएं कर सकती हैं भविष्य को मजबूत: डा. कंचन यादव
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। विभिन्न प्रांतों के मुख्य व्यंजनों की प्रतियोगिता जनपद के राजकीय महिला महाविद्यालय अहिरौला आजमगढ़ में सेवा पखवाड़ा के अन्तर्गत गुरूवार को विभिन्न प्रांतों के मुख्य व्यंजनों की प्रतियोगिता सुश्री कंचन यादव असिस्टेंट प्रोफेसर गृह विज्ञान विभाग की देख—रेख में आयोजित की गई।
इस अवसर पर डा. कंचन यादव ने कहा कि विद्यालय में व्यंजन प्रतियोगिता होने से छात्राएं समर्पित होकर जहां पर व्यंजन के बारे में विशेष जानकारी रखेंगीं वहीं अन्य राज्यों के व्यंजन के बारे में भी उनकी सकारात्मक सोच बदलेगी उनका इससे उनका भविष्य भी बदलेगा इस अवसर निर्णायक के रूप में डा० दिलीप वर्मा, डा. शालिनी चौधरी एवं अनिल तिवारी, डा० जमालुद्दीन अहमद रहें निर्णयानुसार प्रस्तुतीकरण एवं स्वाद के निरीक्षण और परीक्षण के परिणाम स्वरूप प्रथम स्थान गुजरात राज्य(आयुषी सिंह & टीम) द्वितीय स्थान उत्तराखंड राज्य (आंचल पाण्डेय & टीम) एवं तृतीय उत्तर प्रदेश राज्य(सोनाली पाठक & टीम) & कर्नाटक राज्य (अंजू शिल्पकार & टीम) स्थान प्राप्त किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश यादव ने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। व्यंजनों से भरी थालियां एकता के सूत्र को मजबूती देती रहती हैं घर की थाली में खाने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। हमारे यहां छप्पन भोग थाली का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है। भारत के किसी राज्य में भ्रमण करें वहां की संस्कृति के साथ वहां की थाली की सभ्यता देखने को मिल जाएगी।
महाविद्यालय के प्राचार्य डा० राजेश यादव ने सफल कार्यक्रम के लिए सभी को धन्यवाद दिया। भोजन व भारतीय खाना अपने भीतर भारत के सभी क्षेत्र, राज्य के अनेक भोजनों का नाम है। जैसे भारत मैं सब कुछ अनेक और विविध है, भारतीय भोजन भी वैैसे ही विविध है। पूरब पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत का आहार एक दूसरे से थोड़ा बहुत ही अलग है। भारतीय भोजन पर अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ा है। सभी क्षेत्रों का खाना दुसरे क्षेत्र से कुुछ-कुुछ अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपना एक निराला व अनोखा रूप देता है।
पूरन पूरी हो व दाल बाटी, अङ्गारकी/तन्दूरी रोटी हो व राजसी पुलाव, बंंगाली खाना हो व मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यन्त लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहान्त अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाने को अधिक अधिमान देते हैं। स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। इसमें बंगाली खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, भारत के अन्य राज्यों में भोजन की विविधता देखी जाती है वहीं पर भारतीय व्यंजन लोगों की भावनाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करता है।
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