गंगा एक्सप्रेस: किसानों के भूमि अधिग्रहण में लेखपाल ने किया खेल, ग्रामीण पहुंचे डीएम दरबार
97 प्रतिशत किसानों की ज़मीन का हो चुका बैनामा, शेष ज़मीन का होगा अधिग्रहण
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचकर आधा दर्जन किसानों ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस वे में गई उनकी जमीन किसी और ने बेचकर पैसा ले लिया है। किसानों का आरोप था कि लेखपाल ने गुपचुप तरीके से दूसरों के नाम ज़मीन दिखाकर उन्हें पैसा दिलवा दिया है। किसानों ने यह भी कहा कि ज़िलाधिकारी से लेकर तहसीलदार तक दरख्वास्त दिए जाने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा।
एडीएम प्रशासन के दफ्तर का घेराव कर रहे इन किसानों को एडीएम ने भीतर बुलाकर जब उनकी समस्या सुनी मामला कुछ और ही निकल कर आया। दअरसल गंगा एक्सप्रेस वे ने किसानों की जमीनें बैनामा कराई हैं। इस तरह कुल 97 प्रतिशत किसानों की ज़मीन का बैनामा हुआ है। बाकी बची 3 प्रतिशत ज़मीन का एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहण किया जाना है । ज़िला प्रशासन ने कुछ गांवों का अभी अवार्ड नहीं किया है। उसी में धोबहा मऊ का वह गांव भी शामिल है जहां के किसान आये थे। एडीएम प्रशासन ने उन्हें आश्वासन देते हुए बताया कि उनकी ज़मीनें अधिग्रहित कर ली गई हैं। एक दिसंबर तक अवार्ड होने के बाद पैसा उनके खातों में पहुंच जाएगा। उन्होंने किसानों से दलाल या किसी अन्य बिचौलिए के बहकावे में न आने का सुझाव भी किसानों को दिया है।
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