जी–20 की बैठक शुरू, पीएम मोदी ने बतायी बैठक की विशेषता
जितेन्द्र सिंह चौधरी
वाराणसी। भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी-20 समूह के सम्मेलनों के क्रम में मिनिस्टर्स डेवलपर्स मीटिंग वाराणसी के हस्तकला संकुल (टीएफसी) में शुरू पीएम मोदी ने जी-20 सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों का विशेष वीडियो संबोधन से गर्मजोशी से स्वागत करते हुए काशी को बैठक के लिए उपयुक्त स्थान बताया। पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी को लोकतंत्र की जननी का सबसे पुराना जीवित शहर बताते हुए कहा कि काशी ज्ञान, चर्चा, संस्कृति और अध्यात्मिकता के लिए सदियों से जानी जाती है।
श्री मोदी ने आगे कहा कि हमारे प्रयास व्यापक समाजसेवी होने चाहिए निष्पक्ष और टिकाऊ होने चाहिए। हमें एसजीटी को पूरा करने के लिए निवेश के रास्तों जोखिम को देखते हुए समाधान का रास्ता खोजना चाहिए। बहुत अच्छी वित्तीय संस्थान पात्रता का विस्तार करने के लिए सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि जी-20 की बैठक में विकास मंत्री विकास के मॉडल पर अध्ययन करेंगे और एक्सएल रेटिंग एजेंडा 2030 की ओर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री डा0 एस जयशंकर ने पहले विभिन्न देशों से आए मेहमानों का बारी-बारी से स्वागत किया जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष वीडियो संबोधन हुआ। उन्होंने पहले काशी के महत्व को बताया, बाद में यह भी बताया कि काशी में मीटिंग का महत्व कैसे बढ़ जाता है। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि मंत्री समूह के इस बैठक में कूटनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा होगा सार्थक होगी जो सभी देशों के लिए फायदेमंद होगी बैठक में तकनीकी और सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान जोड़ देंगे। भविष्य के विकास मॉडल पर चर्चा के लिए दो शस्त्र तय हैं। पहले बहुशस्त्र पछवाद में त्वरित प्रगति के लिए सामूहिक कार्यवाही की रणनीति बनाई जाएगी। दूसरा शस्त्र हरित विकास पर होगा। इसमें पर्यावरण के लिए सभी देशों को एक जीवन शैली अपनाने के दृष्टिकोण को बताया जाएगा।
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