सलोन तहसील क्षेत्र की हरियाली उजाड़ रहे वन माफिया, जिम्मेदार मौन
वन माफियाओं के जिम्मेदारों से गठबंधन के चलते ही बेखौफ ढंग से हरियाली पर चल रही आरी
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। इन दिनों साहबों की मेहरबानी से वन माफिया जमकर मलाई काट रहे हैं। इसे आप नवागंतुक रेंजर की संवेदन हीनता भी कह सकते हैं। दिन भर सड़कों पर पिकअप व बिना नंबर के ट्रैक्टरो से प्रतिबंधित लकड़ियों को ढककर बेखौफ ढंग से आरा मशीनों पर ले जाया जाता है।
यदि देखा जाए तो वन विभाग के जिम्मेदारों को वन माफियों के कारनामों की भनक तो लगती है किंतु जानकर भी साहबों का अंजान बनना कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर रहा है। डीह, नसीराबाद तथा सलोन थाना क्षेत्र में हरियाली पर धड़ल्ले से आरे चल रहे हैं। यदि आप आरा मशीनों पर गौर करेंगे तो प्रतिबंधित लकड़ियों की खेप जगह जगह पर रखी मिलेगी।
यदि सूत्रों की मानें तो हल्का सिपाहियों की भूमिका भी कम संदिग्ध नहीं रहती है। वन माफियाओं तथा सिपाहियों की गठबंधन भी हरियाली उजाड़ने में पूरी मदद करते है। सबसे अचंम्भे की बात यह है कि सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों को पुलिसकर्मी दौड़कर निरीक्षण करते नजर आते हैं किंतु पिक अप में तिरपाल के अंदर ढकी प्रतिबंधित लकड़ियों को देखने तक की जहमत पुलिसकर्मी भी नहीं उठाते हैं। हो कुछ भी, यदि वन माफियाओं से पुलिस तथा वन विभाग का गठबंधन इसी प्रकार रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सलोन तहसील क्षेत्र की पूरी तरह से उजड़ जायेगी।
जब पेड़ कट जाय, फिर दीजिए सूचना, तब होगी कार्यवाही: डीएफओ
इस बाबत कुछ माह पूर्व डीएफओ रायबरेली ने सलोन तहसील क्षेत्र के डीह छतोह तथा सलोन ब्लाक में धड़ल्ले से हो रही अवैध कटानो के सवाल को नकारते हुए गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि जब हरियाली पर आरे चल जाए तो फिर मेरे पास कोई शिकायत करें तभी कार्यवाही होगी। हो कुछ भी किंतु डीएफओ के इस गैरजिम्मेदाराना बयान से स्पष्ट है कि कहीं न कहीं वन माफियाओं के तार डीएफओ से भी जुड़े हुए हैं जिससे गैर जिम्मेदाराना बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से मुकर रहे हैं।
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