राघवेंद्र पाण्डेय
अमेठी। कृषि विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से बिन्धेश्वरी ग्रमोथान संस्थान अमेठी द्वारा किशान् गोष्ठी का आयोजन पंडित साहब प्रसाद इंटर कालेज पूर्व गाँव सलेसर जगदीश पुर मे संपन्न हुआ। कार्यक्रम को कृषि वैज्ञानिक पारस नाथ पांडेय व सूर्य मनी ओझा राम प्रसाद गुप्ता ने संबोधित किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए पारस नाथ पांडेय ने तकनीकी खेती करने के सुझाव दिया उनहोने कहा कि भारत गाँव का देश है भारत का किशान देश के रीढ़ की हड्डी के समान है एहा सत्तर प्रतिसत किसान है जो खेती करते है भारत का कीशान खाद्य फासलों और तिलहन का उत्पादन करते हैं किसान अन्न दाता है और अर्थ व्योस्था की रीढ़ है। सूर्य मनी ओझा ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष दो हजार मे पहली कृषि नीति की घोसना की थी राष्ट्रीय कृषि नीति भारतीय कृषि की विशाल अप्रयुक्त विकास छमता को साकार करना चाहते है भारत में सत्तर् प्रतिसत् कृषि से उतपंन आए सामिल है आज़ादी से पहले अर्थ व्योस्था पंचन्वे प्रतिसत् कृषि और कृषि से अर्जित राजस्व पर निर्भर थी। मुख्य अथिति उमा पति त्रिपाठी अध्याच् प्रधान संघ जगदीश पुर राजेश विक्रम सिंह प्रमुख पति जगदीश पुर ने भी किसान को संबोधित किया। इस अवसर पर राम प्रकाश गुप्ता राजेश कुमार त्रिपाठी एडवोकेट सुभाष चन्द्र पांडेय एडवोकेट हाई कोर्ट राम विश्वास पांडेय प्रबंधक पंडित साहब प्रसाद इंटर कालेज रीता तिवारी राम मिलन संस्था के मुखिया बिन्धेश्वरी प्रसाद दुबे आदि उपस्थित रहे।
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