13 साल से अधूरा है यमुना पर पुल का निर्माण
फिरोजाबाद में 20 करोड़ की लागत से बन रहा था
50 किमी कम हो जाती आगरा की दूरी मगर अब भी नाव ही सहारा
जितेन्द्र शर्मा
फिरोजाबाद। चुनाव आते ही नेताओं की जुबान पर बड़े-बड़े वादे आने लगते हैं। ऐसा लगता है कि जीतने के तुरंत बाद ही वह सब किए वादों को पूरा कर देंगे लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है। इसकी जीता जागता उदाहरण फिरोजाबाद जिले की टूंडला विधानसभा में देखने को मिला जहां तीन सरकारें भी दो पिलर खड़ा नहीं कर सकी हैं।
नतीजन फिरोजाबाद और आगरा की दूरियां नहीं मिट सकीं। एडीएम फिरोजाबाद ने बताया कि जानकारी करने पर पता चला है कि पीडब्ल्यूडी ने जिस समय इस पुल का टेंडर लिया था, उस समय यमुना का बहाव कम था और यमुना सीमित दायरे में थी लेकिन यमुना का बहाव तेज होने के कारण मिट्टी का कटान हो गया और यमुना का विस्तार हो गया। ऐसे में यमुना पर पुल निर्माण को पूरा करने के लिए अभी कुछ पिलर और बढ़ाने पड़ेंगे। इसी के चलते पीडब्ल्यूडी ने इस कार्य को बीच में ही रोक दिया है। एडीएम ने बताया कि इस कार्य को पूरा कराए जाने के लिए आगरा के अधिकारियों से वार्ता चल रही है। जल्द ही इस पर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। बारिश के दिनों में यमुना के आवागमन को अधिकारियों द्वारा बंद करा दिया जाता है। यमुना का जल स्तर बढ़ने पर कई बार यमुना में नाव पलटने के कारण लोगों की जान तक जा चुकी है। उसके बाद लोगों को 3 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है।
मुख्यालय से है करीब 28 किलोमीटर दूर
फिरोजाबाद जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर टूंडला विधानसभा का गांव अनवारा। यहां से आगरा की दूरी यमुना पार करके वैसे तो करीब दो से तीन किलोमीटर है लेकिन सड़क मार्ग से ग्रामीण आगरा पहुंचें तो करीब 50 किलोमीटर होती है। वर्ष 2009 में पूर्व सांसद राज बब्बर ने फिरोजाबाद और आगरा की सीमा को दूर करने के लिए यमुना पुल पर करीब 20 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कार्य कराया था। पुल बनाने की जिम्मेदारी आगरा पीडब्ल्यूडी को दी गई थी। पुल बना लेकिन पूरा नहीं। आज भी यमुना पार करने के लिए करीब दो पिलर की और आवश्यकता है।
ग्रामीणों के लिये नाव ही एक मात्र सहारा
आगरा के समाजसेवी हरेंद्र सिंह बताते हैं कि भले ही देश में बुलेट ट्रेन चलाने की कवायद चल रही है लेकिन यमुना के आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों के आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है। इसी नाव पर कई गांव के लोगों की उम्मीद टिकी है। दो किलोमीटर दूर जिनकी ससुराल है, उसे भी जाने में दो घंटे लगते हैं। किसी के बीमार होने पर परिस्थितियां और विकट हो जाती हैं। अनवारा से यमुना नदी पर मेहरानाहरगंज घाट तक पुल बनना था लेकिन पूरा नहीं बन सका। मेहरानाहरगंज में विगत 2 साल में 3 बच्चे ट्यूब पर बैठकर जाने के कारण काल के गाल में समा गए। वह बताते हैं कि इस पुल की वजह से करीब 5 हजार से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं।
यह बोले विधायक
टूंडला विधायक प्रेमपाल सिंह धनगर का कहना है कि हम उपचुनाव में चुनकर विधायक बने थे। हमें अधिक समय नहीं मिला कि इस कार्य को पूरा करा पाते। इस बार टिकट मिली और चुनाव जीते तो प्राथमिकता के तौर पर इस अधूरे कार्य को पूरा कराया जाएगा। पूर्व में यह कार्य क्यों नहीं हो सका, इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। वर्ष 2009 में प्रदेश में बीएसपी की सरकार थी। उसके बाद 2012 में सपा की आई और फिर वर्ष 2017 में भाजपा की।
इन गांवों के ग्रामीण हैं प्रभावित
यमुना नदी के टूंडला क्षेत्र के गांव अनवारा, गढ़ी थानी, जटपुरा, मेहरी, बाग रसूलाबाद, रसूलाबाद, अछरु, छाहरी, बजहेरा, रामगढ़, धीरपुरा, घुरकुआ, भीकनपुर बझेरा, नगला दत्त, गढ़ी भगवंत समेत दर्जनों गांव हैं। वहीं आगरा क्षेत्र के मेहरानाहरगंज, नूरपुर, तनौरा समेत दर्जनों गांव के ग्रामीण खेती, ससुराल, रिश्तेदारी, स्कूल और बीमारी में प्रतिदिन आते-जाते हैं।