आखिर गौ तस्करी के आरोपों में घिरे पशु चिकित्साधिकारी पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही?
आखिर गौ तस्करी के आरोपों में घिरे पशु चिकित्साधिकारी पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही?
भाजपा नेताओं व संगठन पर भारी पड़े डा. समदर्शी की पहुंच, जिम्मेदारों ने साक्ष्यों को नकारा
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। अखबार में छपी इस तस्वीर को गौर से देखिए! ये महाशय भले ही अपने आपको पशु चिकित्सा अधिकारी बताकर क्षेत्र के मवेशियों को गौशाला पहुंचाने के नाम पर ट्रक में लद जाते हैं किंतु यदि आप किसान व पशु प्रेमी हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि जिस तरह से इनके ऊपर गौ तस्करी जैसे जघन्य कृत्य के आरोप लगे, उससे इनको जिला प्रशासन ने भले ही बाइज्जत बरी कर दिया हो किंतु क्षेत्र की जनता में इनकी छवि पशु चिकित्सा अधिकारी नहीं, बल्कि एक गौ तस्कर के नाम से विख्यात हो चुकी है।
अगर इन्हें भगवान का दूसरा रुप कहे जाने वाले डाक्टर की बजाय गौ तस्कर व हैवान कहें तो इसमें कोई अचंभे वाली बात नहीं है। यह कोई और नहीं, बल्कि सलोन के पशु चिकित्सा अधिकारी समदर्शी सरोज हैं जिनको बीते सोमवार की रात संगठन सहित बीजेपी विधायक ने अमानवीय तरीके से भूसे की तरह ट्रक में भरे व मवेशियों के मुंह पैर बांधे गौवंश के साथ सलोन कस्बे में दबोच लिया था जिसको लेकर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। इस मामले में कई मास्टर माइंडों की गर्दन फंसने की आहट लगते ही सोमवार की रात से लेकर मंगलवार के दिन भर फोन घनघनाते रहे और तो और असमंजस की स्थिति उस समय खड़ी हो गई। जब गौ तस्कर के आरोपों से पूरी तरह घिर चुके पशु चिकित्सा अधिकारी समदर्शी सरोज के कृत्यों की पोल ट्रक चालक ने खोल दिया जिसमें उसने बताया कि यह खेल आज से नहीं, बल्कि काफी अरसे से होता चला आ रहा है। सलोन तहसील क्षेत्र के रेवली चकनेकनाम पुर सहित आसपास के गांवों से गौशाला भेजने के उद्देश्य से ट्रकों में मवेशियों को पशु चिकित्सा अधिकारी लदवाते थे और बिहार जैसे राज्य के बूचड़खाना में भेज देते थे। ट्रक चालक का वीडियो में यह बयान वायरल होते ही पूरी तरह से यह तय हो गया कि ट्रक में मिले मवेशियों को गौशाला नहीं, बल्कि किसी अन्य उद्देश्य से ले जाया जा रहा था। इस पूरे मामले में भले ही भाजपा विधायक अशोक कोरी संगठन के कार्यकर्ता मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे हो किंतु एक तरफ तहसील से लेकर जिले का विभिन्न हिंदू संगठन और भाजपा विधायक सहित अन्य बीजेपी नेता कार्यवाही की मांग करते रहे।
उधर दूसरी तरफ पशु चिकित्सा अधिकारी समदर्शी सरोज के रुतबों व ऊंची पहुंच के आगे सत्ताधारी पार्टी के नेताओं व संगठन का रुतबा बौना साबित हुआ। घटना के चंद घंटों के बाद ही जिला प्रशासन ने सारे साक्ष्यों, संगठन तथा बीजेपी विधायक सहित नेताओं कि मांग को दरकिनार कर पशु चिकित्सा अधिकारी समदर्शी सरोज को क्लीन चिट दे बाइज्ज बरी कर सारे पापों को धुल दिया। इस पूरे मामले में भले ही देश का भाजपा विधायक अशोक कोरी की मांग पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव पूरे मामले की पुनः एक बार जांच करवाने की बात कह रही हो किंतु अब तक पशु चिकित्सा अधिकारी समदर्शी सरोज के विरुद्ध कार्यवाही न होने से एक तरफ जहां सत्ताधारी बीजेपी नेताओं की किरकिरी हो रही है तो दूसरी तरफ आज भी क्षेत्र के ग्रामीण डाक्टर नहीं, बल्कि गौ तस्कर के निगाहों से सलोन के पशु चिकित्साधिकारी समदर्शी सरोज को देख रहे हैं। हो कुछ भी, परंतु इतना कुछ होने के बाद पशु चिकित्साधिकारी की पोल खोलने वाले ट्रक ड्राइवर को ही बलि का बकरा बना कार्यवाही की बात सामने आ रही है।
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