आखिर कब गिरफ्तार होंगे यौन उत्पीड़न करने वाला अधिकारी…?
फर्जी कोर्ट मैरिज करने का दलित महिला ने लगाया आरोप
संदीप पांडेय
रायबरेली। शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने के कई मामले प्रकाश में आते रहे हैं लेकिन अगर इस तरह के कुकृत्य करने का आरोप यदि किसी जिम्मेदार अधिकारी पर लगे तो मामले को और भी गंभीरता के साथ लेकर गिरफ्तारी करनी चाहिए।
इसके विपरीत फरार चल रहे अधिकारी को गिरफ्तार करने में लाचार साबित हो रही हैं रायबरेली पुलिस। मामला जिले के जिला अर्थ संख्या अधिकारी से संबंधित हैं, जिनके ऊपर तलाकशुदा एक दलित महिला ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया हैं। महिला का कहना है कि पति से उसका तलाक होने के बाद छ: साल की बच्ची और खुद की जीविका चलाने के लिए लोन के लिए आवेदन करने पर वो आरोपी जिला अर्थ संख्या अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के संपर्क में आई और उन्होंने महिला का तीन लाख का लोन करवाने का अश्वासन दिया और धीरे-धीरे उसके नजदीकीया बढ़ा ली। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी अधिकारी ने उसके साथ कोर्ट मैरिज करने का नाटक करते हुए फर्जी तरीके से लिखा पढ़ी करवा ली और उसका यौन शोषण करता रहा।
महिला का कहना है कि आरोपी अधिकारी ने कोर्ट मैरिज का कागज उसे न मिले इसके लिए अपने प्रभाव का गलत उपयोग किया हैं। महिला की तहरीर पर नगर कोतवाली में आरोपी अधिकारी के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया हैं। पीड़ित दलित महिला ने दो अन्य महिलाओं के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करवाया है। इन दोनों पर आरोपी अधिकारी के साथ गलत संबंध रखने का आरोप लगाया हैं। इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध हैं, ऐसा मामला अगर किसी आम आदमी से संबंधित होता तो वह सलाखों के पीछे भी होता और उससे खिलाफ करवाई भी हो चुकी होती। सूत्रों की माने तो पुलिस इस मामले में अधिकारी को राहत देते हुए नजर आ रही हैं। वही पीड़िता जिस फील्ड हॉस्टल में तलाक के बाद से अपनी बच्ची के साथ रह रही हैं उससे कमरे को खाली करवाने का भी दबाव लगातार बनाया जा रहा हैं।
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