अफ्तारीः गंगा-जमुनी तरजीह आज भी कायम
अफ्तारीः गंगा-जमुनी तरजीह आज भी कायम
जयशंकर दूबे एडवोकेट
सुल्तानपुर। रमजान के महीने को बहुत ही पाक माह माना गया है, रोजे की अफ्तारी को समूह में करना एक प्रकार की समानता का भी प्रतीक साबित होता है, रविवार को शहर के नार्मल चौराहे पर स्थिति एक मार्केट में बड़ी तादात में हिंदू-मुस्लिम एक साथ अफ्तारी किये, लोगों को देखने के बाद लग रहा था कि आज भी हिंदुस्तान में जो कभी किसी ने कहा था कि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, सब आपस मे भाई-भाई वह चरितार्थ नजर आ रहा था,
ये अफ्तारी उन लोगों के लिए जवाब के रूप में होगा जो समाज बांटने का कार्य करते है, चौराहे के सन्नू बाबा से जब जानकारी की गई तो सबसे बड़ी बात तो यह देखने को मिली कि जितनी अच्छी जानकारी मुस्लिम धर्म की उतनी ही अच्छी जानकारी हिंदू धर्म की बाबा ने कहा कि सबसे बड़ा मेरे लिए इंसानियत है। इस मौके पर नौशाद हुसैन उर्फ खान बाबा, हैप्पी, रामकुमार मिश्र एडवोकेट, अनिल अग्रहरि, शनि बर्मा, शफ्फू, सत्यम शुक्ल, जयशंकर दूबे एडवोकेट सहित सैकड़ों की संख्या लोग मौजूद रहे।
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