महाशिवरात्रि पर निकाली जायेगी बाबा भोलेनाथ की भव्य बारात
महाशिवरात्रि पर निकाली जायेगी बाबा भोलेनाथ की भव्य बारात
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। श्री जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर चंदापुर धाम में महाशिवरात्रि के पावन पर्व 1 मार्च दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। प्रेस वार्ता कर चंदापुर राज परिवार के छोटे राजा हषेंद्र सिंह एवं कार्यक्रम के संयोजक राघव मुरारका ने बताया लगभग 10 दिनों से पूरे मंदिर में सफाई का कार्य चल रहा है और मंदिर की पुताई भी कराई जा रही है।
उन्होंने बताया 1 मार्च को प्रातः 4 बजे राज परिवार द्वारा ने जलाभिषेक किया जाएगा इसके बाद जनमानस के लिए मंदिर के पट खुल जाएंगे और बैरीकेटिंग के द्वारा आम जनमानस को आने की व्यवस्था की गई है।दोपहर 11 से 3 बजे तक सामूहिक रुद्राभिषेक का कार्यक्रम आयोजित होगा। इसमें पूजन सामग्री की पूरी व्यवस्था मंदिर परिसर में सुव्यवस्थित की जाएगी। रुद्राभिषेक का कार्यक्रम आचार्य श्रवण द्विवेदी, आचार्य पंडित गोपाल शास्त्री, गोविंद शास्त्री, नवीन झा वाराणसी द्वारा संपन्न कराया जायेगा। इसके बाद 3 बजे राजकीय इंटर कालेज के मैदान से बाबा की विशाल बारात यात्रा जो अस्पताल चौराहा, हाथी पार्क, चंद्रापुर मंदिर मलिक मऊ रोड, रामकृपाल चौराहा, बुक मार्केट, घंटाघर, कैपरगंज होते हुए बस स्टाप कोतवाली रोड होते हुए सुपर मार्केट रात्रि 10 बजे के आस-पास चंद्रापुर मंदिर वापस आएगी।
अबकी बार शिव बारात में जेवर नोएडा का प्रसिद्ध पंजाबी बैंड शुभम नाशिक ढोल आकर्षण का केंद्र रहेगा। मंदिर परिसर को फूलों और विद्युत प्रकाश भव्य रूप से सजाया जा रहा है। 11 बजे रात्रि दो कन्याओं का विवाह भी मंदिर परिसर में किया जायेगा। 2 मार्च दिन बुधवार को विशाल नगर भोज 11 बजे से प्रारंभ होगा जो निरंतर प्रभु की इच्छा तक चलेगा। जिसमें भक्तों को बैठाकर खिलाने की पूरी व्यवस्था होगी। 3 मार्च को एक विशाल बाबा का गुणगान कार्यक्रम आयोजित होगा जो सायं 5 बजे आरंभ होगा। बाबा का गुणगान शिवशक्ति जागरण ग्रुप एवं आगरा के कलाकार द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें देवा मुरादाबादी मुकेश शुक्ला, शैफाली द्विवेदी कानपुर से उपस्थित रहेंगे। तीन दिवसीय का यह कार्यक्रम रायबरेली जनमानस के सभी श्रद्धालु भक्तों के लिए सपरिवार उपस्थित होकर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने की भी अपील की। इस अवसर पर सचिन शुक्ला, पंकज अग्रवाल, प्रज्ञा रतन मिश्रा, जगदीश चेनानी, ऋषव वर्मा, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, विजय गुप्ता, अनूप शुक्ला सहित कई कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
क्या है इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास…?
श्री जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना 18वीं सदी के अंतिम दशक में चंदापुर के तत्कालीन नरेश राजा जगमोहन सिंह द्वारा काशी के विद्वान ब्राह्मणों के समूह काशी विद्धत परिषद के पौरोहित्य में की गई। इस शिवलिंग को प्राप्त करने के लिए राजा जगमोहन सिंह ने अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम पर लगभग 6 महीने का प्रवास किया। इस प्रवास के अंत में शंकर जी से सपने में प्राप्त निर्देश के आधार पर इस शिवलिंग का चयन स्थापना हेतु इसी शिवलिंग के साथ ही प्राप्त एक अन्य शिवलिंग को एक पीतल के मंदिर में प्रतिष्ठित करके उसकी स्थापना काशी विश्वनाथ मंदिर में की गई,जो आज भी विद्यमान है। श्री जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर राजा जगमोहन द्वारा स्थापित कराया गया। शिवलिंग मंदिरों में 108वीं स्थापना थी, इस मंदिर की प्रतिष्ठा तंत्रोक्त पद्धति से कराई गई। वर्ष 1991 से चंदापुर भवन में परिसर में नगर भोज और महाशिवरात्रि महोत्सव पर आयोजन स्व. राजा जितेन्द्र सिंह द्वारा प्रारंभ कराया गया।
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