शुभम जायसवाल लखनऊ। शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है। 4 अक्टूबर तक रहेगी। इस बार कलश स्थापना के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं। राजधानी लखनऊ में भी दुर्गा पूजा की तैयारियां हो पूरी चुकी हैं। लखनऊ के बंगाली समुदाय के लोग दुर्गा पूजा का विशेष महत्व माना गया है। बंगाल में दुर्गा पूजा बेहद भव्य तरीके से मनाया जाता है। लखनऊ में भी बंगाली मोहल्ले में भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन हर साल की तरह इस बार भी किया जा रहा है। लखनऊ के किन इलाकों में भव्य नव दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। लखनऊ के 5 बड़े पंडाल और मंदिर मॉडल हाउस का दुर्गा पूजा: लखनऊ के पॉश इलाका माना जाने वाला मॉडल हाउस या बांसमंडी और हुसैनगंज के बीच में है। यह लखनऊ में दुर्गा पूजा में से एक है जो वर्षों से चली आ रही है। यहां बंगाली समुदाय ने हमेशा से सभी को दुर्गा पूजा के नए अवतार और पूजन करने के तरीके से सबको चौंकाया है।
बंगाली क्लब का दुर्गा उत्सव जगह हुसैनगंज की सड़कों के किनारे बने हीवेट रोड पर है। सांप्रदायिक सौहार्द की बात जैसे कोई और नहीं यहां का क्षेत्र हिंदू और मुसलमानों का एक सांस्कृतिक मिश्रण भी है। इसीलिए दुर्गा पूजा हो या ईद आपको यहां पूरे वर्ष सभी तरह के उत्सव देखने को मिलेंगे। घूमची के धुएं और जोरदार मंत्रोच्चार और हंसी के साथ धूमधाम से अष्टमी अंजली की धूमधाम तक देखने के लिए जरूर यहां पर हजारों की भीड़ हर साल पहुंचती है।
सहारा शहर का दुर्गा उत्सव यह इलाका राजधानी लखनऊ के हजरतगंज के करीब 25 किलोमीटर किनारे जानकीपुरम क्षेत्र में पड़ता है। शहर में लखनऊ में बंगालियों का केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस बार यहां के दुर्गा पंडाल अब तक का सबसे बड़ा पंडाल बनाया गया है। सहारा शहर के बने इस पंडाल को देखने के लिए लखनऊ से ही नहीं, बल्कि बाहर से भी लोग आते हैं और दुर्गा मां की आराधना करते हैं।
रविंद्र पल्ली दुर्गा उत्सव रविंद्र पल्ली इंदिरा नगर में होने वाले इलाके का है। इस इलाके में बहुत सारे लोग अलग अलग तरीके के सीजन पर तलवार मनाते हैं लेकिन दुर्गा उत्सव मनाए जाने का भव्यता अलग ही है। इस बार यहां पर दुर्गा उत्सव के लिए कोरोना की जंग से जीत पर बनाया गया है। अब बात करते हैं कालीबाड़ी मंदिर की जिसके 151 वर्ष पूजा के बनाई गई समिति के पूरे हो रहे हैं। कैसरबाग के घसियारी मंडी स्थित कालीबाड़ी मंदिर में रविवार देर शाम को महिषासुर मोदनी महालया के साथ दुर्गा पूजा की शुरू आत हुई। यहां पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। सोमवार से मंदिर में भक्तों को दर्शन और पूजन का लाभ मिलने लगेगा।
कैसरबाग स्थित कालीबाड़ी मंदिर उनके साथ में अन्य कलाकारों ने संगत दिया। इस मौके पर प्रोसतो बनर्जी एवं आलोक दत्त ने नमो चंडी नमो चंडीङ्क कावेरी बनर्जी ने अखिलो भीमाने और मोहनी जी ने ह्यबाजलों तोमार आलोर बेनू.’ गायन से दर्शकों का मन मोह लिया। तबले में पार्थो प्रोतीम मुखर्जीङ्क पखावज में अनुपमाङ्क सारंगी में दीपक मिश्रा एवं अरविन्द कुमार वाइलिन में संगत देकर दर्शकों को मुग्ध कर दिया। इस मौके पर मन्दिर के पदाधिकारियों में देवीशीष मुखर्जीङ्क गौतम भट्टाचार्य और दीपक भट्टाचार्य एवं चित्तरंजन माइती आदि उपस्थित रहे।
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