आखिर भूमाफियाओं को अवैध कब्जा दिलाने वाले लेखपाल पर कार्यवाही से क्यों कतरा रहे अधिकारी?
जितेन्द्र सिंह के अवैध तरीके से अर्जित करोड़ों की बेनामी अकूत संपत्ति की जांच कराने की मांग संदीप पाण्डेय रायबरेली। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को तार तार करने से उनके ही मातहत बाज़ नहीं आ रहे हैं। जीरो टालरेंस का दम भर रही सरकार की नीति की अवहेलना सदर तहसील में साफ देखी जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल जितेन्द्र सिंह के ऊपर अकबरपुर कछवाह में सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं को कब्जा कराये जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया गया है। दिलचस्प है कि यहीं तैनाती के दौरान कई करोड़ के बड़े भूखंड पर कब्जेदारी को लेकर काफी अरसे से पारिवारिक लोगों में चल रहे विवाद में भी इसकी भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर तत्कालीन एसडीएम में प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी थी। इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो अभी बीते जुलाई में प्रयागराज लखनऊ राजमार्ग पर एक विवादित ज़मीन को कूटरचित अभिलेखों के सहारे एसडीएम के पुत्रों के नाम बैनामा कराए जाने को लेकर भी खूब चर्चा में रहा है।
ऐसे अनेकोंं मामलों में भ्रष्टाचार के सुबूत मिलने के बाद भी जितेंद्र सिंह पर कार्यवाही नहीं किये जाने से उच्च अधिकारियों के ऊपर भी सवालिया निशान लगाए जाने शुरू हो गये हैं। प्रबुद्ध वर्ग और ग्रामीणों के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर कौन से ऐसी मजबूरी है जिस कारण से इस लेखपाल के ऊपर कार्यवाही किये जाने से विभागीय अधिकारी भी कतरा रहे हैं। बीते दिनों सदर एसडीएम ने कई लेखपालो के कार्य क्षेत्रों में बदलाव किया और कुछ को अतिरिक्त क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद भी लेखपाल जितेन्द्र सिंह पर कोई कार्यवाही नहीं होना सवालों के घेरे में है। कलेक्ट्रेट के अधिवक्ताओं और शिकायतकर्ताओं ने डीएम माला श्रीवास्तव से लेखपाल जितेन्द्र सिंह द्वारा अवैध तरीके से अर्जित करोड़ों की बेनामी अकूत संपत्ति की जांच कराये जाने और विभागीय कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।