सरकारी योजना के नाम पर नौकरी देने वाले सरगना सहित 2 गिरफ्तार
सरकारी योजना के नाम पर नौकरी देने वाले सरगना सहित 2 गिरफ्तार
आकाशदीप
शाहजहांपुर। विगत कई दिनों से सरकारी योजना के नाम पर नौकरी देने के तथा फर्जी ज्वाइनिंग आफर लेटर भेजकर रूपयों की ठगी करने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। ठगी की घटनाओं के अनावरण व गैंग के बारे में जानकारी कर उसे बस्ट करने के लिए एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक द्वारा संजय कुमार अपर पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन व अखण्ड प्रताप सिंह क्षेत्राधिकारी नगर के पर्यवेक्षण व नीरज सिंह प्रभारी निरीक्षक साइबर/सर्विलास सेल के नेतृत्व में थाना कोतवाली पुलिस टीम को भी टास्क दिया गया था।
इसी क्रम में उपरोक्त संयुक्त टीम द्वारा जानकारी कर उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी। साइबर, सर्विलान्स एवं थाना कोतवाली पुलिस टीम द्वारा किये गये साक्ष्य संकलन एवं मोबाइल लोकेशन के आधार पर संयुक्त टीम द्वारा 122 कस्मंडा अपार्टमेंट हजरतगंज लखनऊ पर अभियुक्तों की तलाश में छापेमारी की गयी थी। उसी क्रम में अभियुक्तगण को शनिवार को प्रातः 8.30 बजे कोतवाली थाना क्षेत्र की पॉश कालोनी साउथ सिटी से छापेमारी कर सरगना सहित धर्मेश शुक्ला पुत्र स्व. माया कान्त निवासी केसरी निवास थाना कोतवाली जनपद उन्नाव एवं मिथलेश प्रजापति पुत्र मातादीन निवासी ग्राम मजीठी थाना पट्टी जनपद प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया गया। मौके से भारी मात्रा में जल जीवन मिशन की लोगो लगी सैकड़ों टी शर्ट, 3 कम्प्यूटर, प्रिंटर मोहरे, आधार कार्ड आदि बरामद हुआ। बरामदगी के आधार पर अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।
वहीं पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि कुछ समय पहले हमें जानकारी हुई थी की सरकार ने जल जीवन मिशन और राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन नाम से योजनाएँ चला रखी हैं जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घरों में पानी की पाइप लाइन बिछाकर टंकी लगाई जानी है। तभी हम दोनों ने मिलकर भोले-भाले व्यक्तियों से इस योजना में सर्वे के नाम पर नौकरी का झांसा देकर पैसे ठगने की योजना बनाई और उसी के तहत हम लोगों ने अखबार में फर्जी विज्ञापन नियुक्ति के संबंध में छपवा दिया था जिसमें काफी लोग विज्ञापन देखकर हमें फोन से संपर्क करते थे और हम उन लोगों को कभी लखनऊ वाले आफिस तथा कभी शाहजहांपुर आफिस पर इंटरव्यू देने के बहाने बुला लेते थे तथा उनसे उनका बायोडाटा व शैक्षिक प्रमाण पत्रों की छाया प्रति व कुछ फोटो के साथ लेकर हर व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, बैंक खाता खोलने, जल जीवन मिशन की टी-शर्ट देने तथा पुलिस सत्यापन आदि के नाम पर 2500 से 5000 रूपये नगद या अपने अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा लेते थे। लोगों को शक न हो, इसलिए हम उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर उनकी नियुक्ति के लिए अलग-अलग पद बताते थे तथा कम्प्यूटर की मदद से हम हमारे झांसे में आने वाले लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके दे देते थे।
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