विशाल रस्तोगी
लहरपुर, सीतापुर। जब ग्रामसभा का प्रथम नागरिक ही तालाब की जमीन पर आवास बनवायेगा तो ग्रामसभा की जनता का सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा लाजिमी हो जाता है। जब प्रधान ही नियमों को तोड़ेगा तो ग्रामसभा का सिस्टम सुचारू रूप से कैसे चल पायेगा। ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का सिलसिला किस तरीके से चलता है, यह तो सभी को पता है की हर योजना दुधारू गाय की तरीके से उपयोग की जाती है, यहां तक कि गरीबों के आवासों में भी भ्रष्टाचार के समाचार कभी कभार सामने आ जाते हैं, लेकिन अब जनप्रतिनिधि अलग हटकर काम करते हुए नजर आ रहे हैं।
यहां तक कि ग्राम पंचायतों में जमीने और तालाब को भी निशाना बनाया जा रहा है अपने हक के लिए, क्योंकि जब उनके ही जानने वाले सभी हैं तो शायद यही लाभ उठाने का समय है। बताते चलें कि ऐसा ही मामला इन दिनों बातों ही बातों में चर्चित हो रहा है। मामला तहसील व विकासखंड लहरपुर की ग्राम पंचायत जगमालपुर का बताया जा रहा है। जहां पर यह कहा जा रहा है कि मौजूदा वर्तमान के ग्राम प्रधान का कब्जा तालाब पर हुआ। यही नहीं तालाब पर कब्जा करने के बाद उस पर मकान का निर्माण किया जा चुका है। अब इस कथन में कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन जिस तरीके से उत्तर प्रदेश के योगी सरकार का स्पष्ट निर्देश है की जमीनों और तालाब पर कब्जा करने वालों पर तत्काल कार्यवाही की जाए, क्या यह हो सकेगा? क्या संबंधित लेखपाल को इस बात की जानकारी नहीं है या जानकार भी अंजान बने हैं। आखिर कार्यवाही ऐसा करने वालों पर कब होगी? फिलहाल इसका तो पता नहीं लेकिन मामला प्रकाश में आया है जांच कर कार्यवाही तो करनी ही चाहिए।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।