सचिव की मनमानी रवैये से ग्रामीण परेशान
उग्रसेन सिंह
जखनिया, गाजीपुर। स्थानीय खंड विकास अंतर्गत ग्राम पंचायत गजाधरपुर (गोङिहरा) में पीड़ित द्वारा आपबीती बताते हुए कि मेरे साथ आवास के आवंटन में सौतेला व्यवहार किया गया जिसमें पूर्ण रूप से पीड़ित द्वारा सचिन को दोषी करार देते हुए ग्राम पंचायत की सचिव द्वारा धनउगाही के संबंध में भी चर्चा की गई। अब सवाल यह उठता है कि समाचार पत्र तथा ट्विटर के माध्यम से अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई गई।
अब तक उस सचिव के प्रति किसी प्रकार की जांच नहीं की गई।
पीड़ित द्वारा उपजिलाधिकारी जखनिया के यहां उस संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया। उसके बाद किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई जबकि प्रार्थी द्वारा यह भी कहा गया है कि अगर मेरे साथ न्याय नहीं हुआ तो मैं मुख्यमंत्री के आवास के सामने आत्मदाह करने को तैयार हूं। सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम करने के बाद भी मुझ गरीब लाभार्थी का आवाज में पैसा न देने की वजह से सचिव द्वारा अपात्र बनाकर लिस्ट से नाम कटवा दिया गया।
पीड़ित के अनुसार 2 मंजिला मकान वाले तथा ग्राम पंचायत के प्रधान की माता जी के नाम संबंधित कोटेदार के नाम से आवास सैंक्शन होकर पैसा भुगतान हो गया। मुझ गरीब को आवास मिला था। वह संबंधित ग्राम सभा की सचिव द्वारा आवास कटवा दिया गया। मीडिया वालों से पूछे जाने पर कि आखिर आपका आवाज क्यों कट गया तो उन्होंने बताया कि वह अग्रिम पैसा मांग रही थी। मैं कहा कि जब खाते में पैसा आएगा तो उतारकर दूंगा। अब मेरे पास पैसा नहीं है। उससे नाराज होकर उसके एवज में मेरा आवास कटवा दिया गया। इस तरह शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं कि संबंधित सचिव की जांच कर उचित कार्रवाई करें।
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