जिलें में मिले 163 टीबी मरीजों का इलाज शुरू
जिलें में मिले 163 टीबी मरीजों का इलाज शुरू
वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त जिला बनाने के लिये विभाग प्रयासरत
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। 16 मार्च को जिले में 20 फरवरी से पांच मार्च तक चला सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान टीबी के संभावित लक्षण वाले 2625 लोगों के सैंपल एकत्रित किए गए। इसमें 163 नए क्षयरोग के मरीज मिले हैं। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. परवेज़ अख्तर ने दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 1422 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है। वर्ष 2025 तक जनपद समेत पूरे देश को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। जिला क्षय रोग अधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक समय तक खांसी आ रही है तो उसे तत्काल क्षयरोग की जांच करानी चाहिए। जांच एवं उपचार की सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है।
डीटीओ डॉ. परवेज ने कहा कि इस अभियान के दौरान 10,27,910 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 163 नए मरीज टीबी मरीजों कि पुष्टि हुई। अभियान में आशा कार्यकर्ता ने घर-घर जाकर लोगों को टीबी रोग के प्रति जागरूक किया। इसके साथ ही साफ सफाई पर ध्यान देने के लिए लोगों से अपील किया गया। इसके अतिरिक्त लोगों को यह भी जानकारी दी गई की यदि परिवार में किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से खांसी आ रही हो या रात के समय बुखार चढ़ता हो या फिर सीने में दर्द और बलगम के साथ खून आता हो तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जायें और टीबी की जांच कराये। क्षयरोग के प्रति जागरूकता ही टीबी का समूल नाश करेगी।
जिला समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि जिले में 58 लाख आबादी है तथा 22 ब्लाक है जिसमें 2 सीबीनाट, 7 ट्रूनाट, 52 डीएमसी लैब लगभग 552 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 1522 डाट सेंटर हैं। पीयूष ने बताया कि यह सारी व्यवस्था इसीलिए की गयीं है कि जनमानस के किसी व्यक्ति में अगर टीबी के लक्षण नजर आये। जैसे कि 2 हफ्ते से ज्यादा की खांसी, दो हफ्ते से ज्यादा बुखार, वजन का गिरना, भूख ना लगना इत्यादि लक्षण नजर आए तो खुद से आगे आकर टीबी की जांच कराएँ। टीबी मरीजों की खोजने का अभियान 20 फरवरी से 5 मार्च तक चलाया गया। इस अभियान में जिले की 1200 आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से घर-घर जाकर 10,27,910 लोगों की स्क्रीनिंग कि गई। इसमें संभावित लक्षण वाले 2702 व्यक्ति चयनित किए गए, जिसमें 2625 लोगों की जांच की गई। जांच के बाद 163 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई और बिना देरी किए नए मरीजों का विभाग की तरफ से निशुल्क इलाज शुरू करा दिया गया है। इन मरीजों के साथ जिले में वर्तमान में 1422 मरीज इलाज पर हैं। क्षय रोगियों को पौष्टिक आहार खाने के लिए उपचार के दौरान 500 रुपये की धनराशि भी प्रतिमाह उनके बताए गए बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
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