विवि की लापरवाही से संस्कृत के 331 छात्र बगैर परीक्षा दिये लौटे घर
प्रश्न पत्र की जगह पहुंचा कोरा लिफाफा
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय की लापरवाही का खामियाजा 331 छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ा। गुरुवार को यह सभी छात्र संस्कृत के पेपर का बगैर परीक्षा दिए ही मायूश होकर घर के लिए लौट गये। महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविधालय आजमगढ़ में दूसरी पाली में एमए के चतुर्थ सेमेस्टर की संस्कृत की परीक्षा थी। इस पेपर की परीक्षा देने के लिए करीब 331 छात्र—छात्राएं पहुंचे। परीक्षा कक्ष में एग्जाम सेंटर के स्टाफ ने प्रश्न पत्र के लिफाफे को खोला तो वह खाली थे। इसके बाद स्कूल के स्टाफ ने छात्रों से कहा कि किसी कारण की वजह से यह परीक्षा नहीं हो पाएगी। सेंटर के स्टाफ ने छात्रों को स्कूल से वापस जाने की अपील किया।
इसके बाद परीक्षार्थी मायूश होकर परीक्षा केंद्र से बाहर निकल गये। इस विवि से आजमगढ़ और मऊ के 454 महाविध्यालय संबंद्ध हैं। यहां 2 मई को एमए चतुर्थ सेमेस्टर के संस्कृत की परीक्षा होनी थी। इस संबंध में रजिस्ट्रार और एग्जाम कंट्रोलर का कहना है कि प्रश्न पत्र न छपने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी बदली जाएगी। इनकी लापरवाही का खामियाजा हमारे छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
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