जौनपुर में स्वयं के नियम से चलता है यातायात विभाग! | #TejsToday

जौनपुर में स्वयं के नियम से चलता है यातायात विभाग! | #TejsToday

एक अपराध की दो बार सजा देने में माहिर है यातायात के जवान

यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले दुधारू वाहन चालकों पर मेहरबान है यातायात पुलिस

जौनपुर में स्वयं के नियम से चलता है यातायात विभाग! | #TejsToday

अजय पांडेय
जौनपुर। यातायात विभाग की सक्रियता व निष्क्रियता दोनों उत्तोलक की भांति जनपद में दिखाई दे रही है। कहीं-कहीं चौराहों पर एक साथ कई यातायात उपनिरीक्षक, एचसीपी और उनके विभाग के आरक्षी, होमगार्ड, पीआरडी के जवानों द्वारा वाहनों का चालान कर दिया जाता है, क्या यह सही है? जबकि यातायात विभाग और स्थानीय पुलिस की देख-रेख में जनपद के अंदर डग्गामार वाहन खूब फूल-फल रहे हैं। विगत वर्षों में जाम को देखते हुए लगभग सभी पड़ाव नगर से दूर कर दिए गए थे। जैसे बदलापुर पड़ाव को कटघरा के बाहर, मड़ियाहूं पड़ाव को रेलवे लाइन के बाहर, जेसीज चौराहे पर लगने वाली गाड़ियां पेट्रोल पंप के पास कर दिया गया है।

UP Board Exam 2021 की नई तारीख घोषित, time table जारी | #TejasToday

इसके इतर जेसीज चौराहे पर बीच रोड पर डग्गामार वाहन चालक पूरे मौज-मस्ती से सवारियां भरते हैं जिससे जाम की स्थिति और भी भयंकर हो जाती है। जबकि जेसीज चौराहे पर तैनात आरक्षी चाहे वह यातायात विभाग से हो या पुलिस चौकी टीडी कॉलेज थाना लाइन बाजार से हो या उनके सहयोगी गार्ड, सुविधा शुल्क लेकर ऐसे चालकों को सवारी भरने दिया जाता है जिससे आवागमन बाधित होता है और जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ विभागीय लापरवाही कही जाय या सक्रियता कि एक ही दिन में नगर के अंदर एक ही वाहन का दो बार चालान कर दिया जाता है। इस बाबत पूछे जाने पर अपने विभाग द्वारा वहां चालक की गलती को मानकर उनसे चालान का पैसा जमा कराया जाता है।

इसी तरीके से जो अनियमितताओं का पालन कर रहा है और जो यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहा है, उसका चालान होना तो स्वाभाविक है परंतु यदि कोई वाहन स्वामी यातायात नियमों का पालन भी कर रहा हो लेकिन इसके पश्चात उसका चालान कर दिया जाए तो इसका निर्णय करने के लिये किस अधिकारी के पास वाहन स्वामी को जाना चाहिए, ऐसी जानकारी भी होनी चाहिये। एक ही गाड़ी के दो बार चालान कर देने पर चालान करने वाले के विरुद्ध क्या और किस प्रकार की कार्रवाई होनी चाहिये? बताते चलें कि विभाग एक तरफ जहां राजस्व की वसूली का हवाला देकर चौराहों पर चालान करता है। वहीं दूसरी तरफ यातायात विभाग के होमगार्ड/आरक्षी अपनी जेब भरते हैं। राजस्व वसूली के नाम पर यह कहां तक उचित है जबकि यदि औचक निरीक्षण किया जाए तो विभागीय दुपहिया और चार पहिया वाहन एवं आरक्षी सहित विभाग में कार्यरत लोगों के पास भी ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस आदि नहीं मिलेगा।

ऐसे में इनके ऊपर भी कार्यवाही बनती है। यातायात विभाग की लापरवाही की वजह से आए दिन डग्गामार वाहनों से सड़क दुर्घटना में जानमाल का कितना नुकसान होता है, इसकी भरपाई कहां कैसे किस प्रकार की जाय जबकि ऐसे वाहनों के किसी भी प्रकार से कागजात पूरे नहीं हैं। इसका किसी भी उच्च अधिकारी द्वारा आदेश/निर्देश होना चाहिए कि इस प्रकार की घटनाओं का जिम्मेदार कौन? यदि नगर में जाम लगता है तो क्या सिर्फ और सिर्फ जनता की गलती है? उच्च अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताना है कि गोमती नदी के इस पार या उस पार बसे नगर में कहीं भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था न होने से खरीद-फरोख्त करने से यदि दुकान के सामने वाहन खड़े हैं तो खड़े वाहनों का चालान ऑनलाइन करके विभागीय लोग स्वयं से अपनी पीठ थपथपा लेते हैं और विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष अपने कर्तव्यनिष्ठ होने का तथाकथित प्रमाण देते हैं जबकि वहीं दूसरी तरफ पार्किंग के अभाव में जनमानस अपने वाहनों को दुकान के सामने खड़ी कर निश्चिंत होकर सामान की खरीददारी करता है।

दूसरे दिन उसके मोबाइल पर गाड़ी चालान होने का संदेश पहुंचता है तो वह अवाक हो जाता है। क्या यह उचित है? कई स्थानों पर देखा गया कि आरक्षी के अलावा होमगार्ड व पीआरडी के जवान भी अपनी जेबे भरने से बाज नहीं आते। जैसे यातायात विभाग का पूरा ठीकरा इनके सर बधा हो। उस प्रकार की भाषा में बात करके राजस्व वसूली या सुविधा शुल्क के नाम पर धनराशि लेकर अपनी जेब भरते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि विभागीय सह पर इस तरह के कार्य संपादित कराए जाते हैं। आरक्षी अधीक्षक, यातायात उपाधीक्षक, यातायात निरीक्षक को ध्यान देना चाहिए कि अपने मातहतों को नियमावली के अनुसार कार्य करने की ट्रेनिंग दी जाए। उनको प्रशिक्षण दिया जाए और उन्हें रोड पर चलने वाले वाहनों पर विशेष ध्यान देते हुए जनता को बताने का निर्देश देना चाहिये कि जनपद में अन्य शहरों की भाँति जहां चौराहों पर रेड लाइन की व्यवस्था नहीं है और जहां सकरी सड़कों पर यातायात की भरमार होती है, ऐसे जगहों पर ऑनलाइन चालान करना उचित अथवा अनुचित है।

इसके प्रशिक्षण हेतु वर्कशॉप लगाकर लोगों को बताने की आवश्यकता है। उसके पश्चात यदि नियम का उल्लंघन करते हुए कोई भी पाया जाए तो उसके साथ न्यायिक कार्रवाई निश्चित रूप से होनी चाहिए। यदि इन बिंदुओं पर यातायात विभाग अपनी सक्रियता दिखाये तो सड़कों पर जाम और सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कदापि न हो।

 

अब आप भी tejastoday.com Apps इंस्टॉल कर अपने क्षेत्र की खबरों को tejastoday.com पर कर सकते है पोस्ट https://play.google.com/store/apps/details?id=com.pakkikhabar.news ब्रेकिंग खबरों से अपडेट के लिए इस फोटो पर​ क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Read More

Recent