सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखण्ड का तीसरा दीक्षा समारोह आयोजित
सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखण्ड का तीसरा दीक्षा समारोह आयोजित
ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीः सीएम
मुकेश तिवारी
रांची। आप अपने प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग करेंगे। जटिल परिस्थितियों का सामना करना होगा, अपने ज्ञान से इसका हल प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान स्वर्णरेखा नदी के पास है। कहा जाता है कि इस नदी के जल के सेवन से ही ज्ञान की प्राप्ति होती रही है। ऐसे में इस नदी के सानिध्य में ज्ञान प्राप्त करना सौभाग्य की बात है।
राष्ट्रपति के आगमन पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त
रांची स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड का तीसरा दीक्षा समारोह बुधवार को सीयूजे के सभागार में आयोजित हुआ। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपस्थित हुई। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सीयूजे के साथ साथ जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की दुरुस्त व्यवस्था की गई। राष्ट्रपति के रांची आगमन की वजह से उनके यहां आने और जाने के दौरान रांची को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया था। इस दौरान किसी अन्य विमान ने रांची एयरपोर्ट से उड़ान नहीं भरी और न ही कोई विमान रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उतरा। सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों ने सीयूजे मनातू परिसर में बैठक की। केवल आंतरिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सीयूजे में बाह्य स्तर पर भी तैयारी की गई।
छात्रों को राष्ट्रपति के हाथों मिला मेडल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची के चेरी-मनातू स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के तीसरे दीक्षांत समारोह में तीन छात्रों को चांसलर मेडल दिया। चांसलर मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स में इंटीग्रेटेड एमटेक के शुभम भट्टाचार्य, एमटेक के उत्पल और एमएससी के अभिजीत गांगुली शामिल हैं। राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में 67 मेडल प्रदान किए, जिसमें 58 छात्रों को गोल्ड मेडल मिला, साथ ही 29 छात्रों को पीएचडी डिग्री प्रदान किया गया।
ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीः सीएम
दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं। इसके जरिये बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। राज्य सरकार, राज्य में शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने को संकल्पित है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्वीकार कर लिया गया है। चेरी मनातू परिसर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरतों के अनुसार, रैयती भूमि का अधिग्रहण कर उसे देने का निर्णय लिया गया है। भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है, इसे शीघ्र दूर किया जायेगा। विद्युत आपूर्ति निर्बाध हो, इस पर काम हो रहा है। जलापूर्ति भी पर्याप्त हो, इसे तय किया जा रहा है। सड़क निर्माण का कार्य भी जोरों पर है। उन्होंने उम्मीद जताते कहा कि मेडल, डिग्री पाने वाले स्टूडेंट्स के ज्ञान से झारखंड प्रदेश भी लाभान्वित होगा।आदिवासी बहुल क्षेत्र में सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बहुत जरूरत है। राज्य में खनिज संसाधन हैं पर शिक्षा व्यवस्था के सही रूप से ही इसका तरीके से उपयोग संभव है।
झारखंड में काम करने का मिला सौभाग्य
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा ति झारखंड की धरती पर काम करने का सौभाग्य खुशी से भर देता है। यहां के जनजातीय भाई बहनों से जुड़ाव रहा है। इसलिए नहीं कि वे आदिवासी हैं, जैसे परिवार में शारीरिक, मानसिक रूप से पिछड़े रहने वाले को ज्यादा ध्यान देते हैं, उनके उपर काम करते हैं, उसी भाव से विकास की दौड़ में पीछे रह गये लोगों के लिए सोचना चाहिए। कैसे उनका पूर्ण विकास हो। इन्क्लूसिव विकास हो। जनजातीय भाई लोग भी विकास की मुख्य धारा से जुड़े रहें। आदिवासी समाज के पास पारंपरिक ज्ञान का भंडार है। उनके जीवन शैली से हम सीख पाएं तो ग्लोबल वार्निंग की चुनौतियों से जूझ पाएंगे, उसे हरा सकेंगे। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद रहे।
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