वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 41 पेज के बजटीय भाषण में सरकार के विकास कार्यों की उपलब्धियां गिनायीं
नीरज कुमार
रांची। झारखंड विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सरकार की 4 साल की उपलब्धियों का बखान किया। साथ ही कहा कि हमारी गठबंधन की सरकार विकास के रास्ते पर दृढ़ता से आगे बढ़ने की चुनौती को स्वीकार किया है। उसने अथक प्रयास से झारखंड के वित्तीय प्रबंधन को उत्कृष्ट बनाने में सफलता हासिल की है। हम जनआकांक्षाओं की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने बजट की शुरूआत एक कविता से की, जो इस प्रकार है- हर विघ्न को हमने पार किया, कांटों का झुरमुट साफ किया, जब घटा कोरोना की छाई, सुखाड़ उदासी भर लाई, जब लगा सिमटने केंद्रीय अनुदान, वित्तीय प्रबंधन बना समाधान, हुआ अग्रसर तब अबुआ राज, कुशल, बेहतर कर काम-काज,विकास की गाड़ी घर-घर आई,‘सरकार आपके द्वार’ खुशियां लाई।
वित्त मंत्री ने पढ़ा 41 पेज का बजट भाषण
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 41 पन्ने के अपने बजटीय भाषण के 7वें और 8वें पन्ने में जाकर इसके बारे में विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने तीसरे पन्ने की कविता का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2022-23 के बीच झारखंड की मौजूदा कीमतों पर जीएसडीपी 9.1 फीसदी की औसत वार्षिक दर से बढ़ा। इस दौरान वर्ष 2015-16 में कमजोर मानसून, वर्ष 2019-20 में आर्थिक मंदी और वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की वजह से विकास दर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इन 11 वर्षों में से 5 वर्ष आर्थिक विकास दर 14.2 प्रतिशत से अधिक रही।
भाषण का अन्त भी कविता से
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट भाषण का अंत भी एक कविता से ही किया और कहा कि काल की शाश्वतता में आज का यह कालखंड हमारे आने वाले भविष्य की नींव है। इसलिए आज हमने सदन के पलट पर केवल आय-व्यय का दस्तावेज ही नहीं रखा है, बल्कि यह समस्त झारखंडवासियों के आज और कल की आशाओं और उम्मीदों की मूक अभिव्यक्ति को वाणी भी दी है।
कठिनाइयां बाधा नहीं, दृढ़ प्रयास को करती हैं प्रेरित: रामेश्वर
वित्त मंत्री ने कहा कि कठिनाइयां और विषम परिस्थितियां मंजिल के लिए बाधा नहीं, बल्कि वे और ज्यादा दृढ़ प्रयास करने को प्रेरित और संकल्पित करतीं हैं। चंद्रोदय से पूरनमासी के सफर से आगे हमारी गठबंधन सरकार झारखंड के लोगों को विश्वास दिलाना चाहती है कि हम प्रगति और खुशहाली के उस रास्ते पर अग्रसर हैं जहां विकास का सूरज कभी अस्त नहीं होता। इसके बाद उन्होंने एक कविता पढ़ी- मैं दृष्टि श्रेष्ठ प्रबंधन का, जल, जमीन और जंगल का, हर हाथ को मिले जब रोजगार, अबुआ आवास की छत-दीवार, कर संपदा का सही इस्तेमाल, बने झारखंड समृद्ध-खुशहाल, गूंजे स्वर मीठे हर कौम से, खुशियां बरसेंगी तब व्योम से, लें प्रण, सब मिलकर करें प्रयास, हर ‘सोमरा-मंगरा’ का हो विकास।
बजट की प्रमुख अन्य घोषणाएं
महिला एवं बाल विकास के तहत 2500 आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया जायेगा। स्कूली शिक्षा में 325 प्रखंडस्तरीय लीडर स्कूल का निर्माण किया जायेगा। 4036 पंचायत स्तरीय स्कूलों को अगले दो वर्षों में आर्दश विद्यालय के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार मेसर्स कॉमन सर्विस सेंटर पीवी के साथ साझेदारी कर एक राज्यव्यापी लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने का लक्ष्य। डिप्लोमा स्तर पर पढ़ाई करने वाली छात्राओं को मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत डिप्लोमा स्तर पर 15 हजार रूपये प्रति वर्ष और डिग्री स्तर के लिए 30 हजार रूपये प्रति वर्ष आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई। बीआईटी सिंदरी में स्टेट टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया। झारखंड सरकार ने राज्य में 19 नये महाविद्यालय जिसमें 15 डिग्री महाविद्यालय और 4 महिला महाविद्यालय की स्थापना करेगी। झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अब लाभुकों की संख्या 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने का प्रस्ताव है।