पत्नी से सम्बन्ध का था शक, किसान को तेजधार हथियारों से काट डाला
पत्नी से सम्बन्ध का था शक, किसान को तेजधार हथियारों से काट डाला
लुधियाना, पंजाब। जिले के गांव मनसीहां बाजण में किसान रेशम सिंह की तेजधार हथियारों से कत्ल कर दिया गया। रेशम सिंह गांव खौलिया वाला पुल का रहने वाला था और शुक्रवार देर रात खेत की सिंचाई कर घर जा रहा था। गुरजीत सिंह जीता ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर रेशम सिंह पर हमला कर दिया। हमलावरों ने रेशम सिंह को तेजधार हथियारों से काटकर लहूलुहान कर दिया और बीच रास्ते में तड़पता छोड़कर फरार हो गए। राहगीरों ने गांव वालों को घटना की सूचना दी। इसके बाद रेशम सिंह को सिधवां बेट अस्पताल ले जाया गया। रेशम सिंह की हालत खराब होती देख उसे सिविल अस्पताल जगरांव ले जाया गया। जगरांव से भी रेशम सिंह को डाक्टरों ने लुधियाना रेफर कर दिया। लुधियाना अस्पताल में पहुंचने से पहले रास्ते में ही रेशम सिंह की मौत हो गई। शनिवार शाम को सिधवां बेट पुलिस ने रेशम सिंह के शव का पोस्टमार्टम जगरांव सिविल अस्पताल में करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। थाना सिधवां बेट के प्रभारी दलजीत सिंह गिल ने बताया कि गुरजीत सिंह जीता और तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ कत्ल की धारा में मुकदमा दर्ज कर दिया है। उन्होंने बताया कि जीता को शक था कि उसकी पत्नी के रेशम सिंह के साथ सम्बन्ध हैं। इसी शक में उसने साथियों के साथ मिलकर रेशम का कत्ल कर दिया। इस्पेक्टर गिल ने कहा कि पुलिस की विभिन्न टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं। सिधवां बेट और जगरांव अस्पताल में कोई डाक्टर नहीं था और न ही एम्बुलेन्स थी। हथियारों से घायल रेशम सिंह का अगर समय पर इलाज हो जाता तो वह जिंदा होता। मनसीहां बाजण के सरपंच जोगिंदर सिंह, कन्नियां हुसैनी के सरपंच नाहर सिंह और पर्जियां के सरपंच जसवीर सिंह जस्सा ने सेहत विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तीनों सरपंचों ने बताया कि घटना के बाद लहूलुहान रेशम सिंह को सिधवां बेट सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। अस्पताल स्टाफ ने बिना जांच जगरांव ले जाने को कहा। जगरांव अस्पताल पहुंचने पर भी वहां डॉक्टर नहीं मिला और बिना इलाज लुधियाना भेज दिया गया। जरूरी सेहत सुविधा से लैस एंबुलेंस का इंतजार करते तीन घंटे बीत गए तब तक रेशम की हालत और बिगड़ गई। हारकर रेशम को निजी गाड़ी से लुधियाना ले जा रहे थे लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सरपंचों ने डीसी सुरभि मलिक को शिकायत भेजकर सरकार से मामले में जांच की मांग की है। एसडीएम जगरांव डॉ. मंजीत कौर ने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग की बेहद गम्भीर लापरवाही है। अगर सिधवां बेट और जगरांव सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और एंबुलेंस मौजूद नहीं थी तो इसकी उच्चस्तरीय जांच होगी। इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर जांच के बाद कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इतनी घोर लापरवाही के बारे में उन्हें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है।
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