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टूटे-फूटे झोपड़पट्टी में जीवन काटने को मजबूर है रामलाल का पूरा परिवार
रोहनिया, वाराणसी। कोरोना महामारी के चलते जहाँ मजदूर वर्ग के लोगो के पास रोजगार की समस्या है तो औरों के रोजगार भी छिन गए। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस और सूबे की सरकार योगीराज में कोरोना महामारी में गरीबी की दोहरी मार झेल रहा है ग्राम देउरा नई बस्ती का रामलाल मजदूर का पूरा परिवार।झोपड़पट्टी में जीवन बसर करने को मजबूर है रामलाल।
रामलाल का कहना है टूटी फूटी झोपड़ी और उसके ऊपर प्लास्टिक का त्रिपाल डालकर किसी प्रकार से अपना जीवन बचा रहे है, और कई बार इस समस्या की शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से किया लेकिन आज तक कोई भी अधिकारी और गांव के ग्राम प्रधान मेरी मौजूदा स्थिति को देखने या सुनने के लिए कभी नहीं आये। मेरे अलावा मेरे घर में मेरी पत्नी चम्पा और मेरा बेटा कल्लू और मेरी पत्तोंह रीता और तीन छोटे बच्चे साथ में ही रहते हैं।
बारिश के दिनों में स्थिति यह है कि जहरीले जंगली जीव जंतु भी घर में चले आते हैं जिसके चलते हम सभी लोगो के जानमाल का भी खतरा है और लगातार भय भी बना रहता है। इसी क्रम में ग्राम पंचायत सदस्य राजकुमार पाल पीड़ित रामलाल के घर जाकर उनकी वर्तमान स्थिति को देखा और उनको आश्वासन देकर कहा कि आपकी समस्या को सरकार व संबंधित विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाने में आपकी पूरी मदद करूंगा।
इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य अशोक वर्मा का कहना था कि अगर फिर से लॉकडाउन लगने की स्थिति उत्पन्न होती है तो रामलाल के परिवार का भरण पोषण की जिम्मेदारी मेरी होंगी। वही जब इस पूरे मामले की जानकारी के लिए आराजी लाइन ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी दिवाकर सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं थी मामले की जानकारी होते ही पीड़ित परिवार की पूरी मदद की जाएगी और अतिरिक्त सूची में उनका नाम डाल दिया जाएगा और सरकारी योजना के तहत जो भी संभव मदद होगी वह विभाग की तरफ से की जाएगी।

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