पुत्र के आंखों की रोशनी खोई, बूढ़ी मां के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी
पुत्र के आंखों की रोशनी खोई, बूढ़ी मां के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी
समाजसेवी डॉ संदीप ने मदद का दिया भरोसा
मुकेश तिवारी
झांसी। अलीगोल खिड़की बाहर मोहल्ला निवासी विमला देवी नामक महिला जिनके पति के देहांत के बाद सारा भार बूढ़े कंधों पर आ गया था। उनका एक बेटा है जिसकी आंखों की रोशनी जाने के बाद वह बुरी तरह से परेशान हो गयी। पूरी जिम्मेदारी बूढ़ी मां के ऊपर आ गई। लड़के की पत्नी व बच्चे उसे छोड़ कर चले गए। जैसे तैसे संसाधन जुटाकर गुजर बसर कर रही है।
आज के युग में सर्वाधिक खर्चा दवाइयों का व घर का खर्च चलाना अकेली महिला के लिए मुश्किल होता जा रहा था। उक्त वृद्ध महिला ने संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंचकर सारी समस्याओं को विस्तार से बताया। संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी ने महिला को एक महीने का राशन दिया।संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ संदीप सरावगी ने कहा हम आजीवन आपकी मदद के लिए तैयार हैं जो भी समस्या आपको आयेगी हमारी संस्था अपनी क्षमता अनुसार उसका निराकरण करने का प्रयास करेगी।
इस दौरान उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गहोई वैश्य समाज के पंच राजू गुप्ता रक्सा, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मंडल अध्यक्ष राज नारायण मिश्रा, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल युवा के महानगर अध्यक्ष मनोज रेजा, राहुल मिश्रा, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल युवा वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. विवेक वर्मा, संघर्ष सेवा समिति राजू सेन, सुशांत गुप्ता, बसंत गुप्ता, महेश कुशवाहा, मोहन कुशवाहा, राकेश अहिरवार आदि उपस्थित रहे।
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