बन्दरों के हमले से सीढ़ियों से गिरी युवती, कूल्हे की हड्डी टूटी
अजय जायसवाल
गोरखपुर। गोला तहसील क्षेत्र के चकसरया में बंदरों के आतंक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बंदरों के हमले में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। बंदरों के आतंक से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन गुहार लगाई है। सुबह तकरीबन आठ बजे 22 वर्षीय विन्ध्यवासिनी पुत्री सीताराम मद्धेशिया अपने घर के छत पर गेंहू सुखाने के लिए गई। इसी समय बंदरों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। छत से किसी तरह जान बचा कर वह सीढ़ियों पर आई। यहां पर भी बंदरों ने हमला कर दिया।
इसकी वजह से वह सीढ़ियों से नीचे गिर गई। इससे उसके कूल्हे की हड्डी टूट गई। घायल युवती का इलाज आजमगढ के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। बंदरों के हमले में घायल होने वालों में विंध्यवासिनी पहली नहीं है। तकरीबन 20 दिनों से चल रहे बंदरों के इस आतंक का शिकार संजय पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, शशि देवी, सुदामा यादव जैसे दर्जन भर लोग हो चुके हैं। ग्रामीण मुकेश कुमार, सांवली देवी, शिवांश पाण्डेय, विवेक, शिवम, बुद्धिराम यादव, राजीव लोचन, रमेश, बलवंत आदि लोगों ने बंदरो के आतंक से निजात पाने के लिए आईजीआरएस का सहारा लिया। रेंजर ने आईजीआरएस पर रिपोर्ट लगाया कि बंदरों को पकड़ने के लिए हमारे पास कोई बजट नहीं आता है। रेंजर संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि बंदरों को पकड़ने वालों को बुलाने के लिए ग्रामीणों को ही पैसा देना होगा। सरकार हमें इस प्रकार का कोई बजट नहीं देती है।
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