सरेनी में जिम्मेदारों के संरक्षण से बेखौफ हो वन माफिया उजाड़ रहे हरियाली
सरेनी में जिम्मेदारों के संरक्षण से बेखौफ हो वन माफिया उजाड़ रहे हरियाली
इलेक्ट्रानिक आरे वन माफियाओं के लिये बने वरदान
काफी तेजी से फल-फूल रहा अवैध कटान का धंधा
अनुभव शुक्ला
सरेनी, रायबरेली। लोगों ने अभी हाल ही में जिले में पौधरोपण के नाम पर लाखों रूपये खर्च होते सुने होंगे और यह भी देखा होगा कि पेड़ लगाने का नाटक तो कैमरे के सामने अधिकारियों ने किया किंतु चंद ही दिनों में आज अधिकांश पेड़ सूख चुके हैं। सवाल उठता है कि जब हरे-भरे पेड़ों को जिम्मेदार वन माफियाओं से सिक्कों की खनक में कटवा दे रहे हैं तो छोटे पौधों की देख-रेख क्या करेंगे….? बताते चलें कि जिले के सरेनी थाना क्षेत्र में जिम्मेदारों की संरक्षण से हरियाली पर लकड़कटों का कहर जारी है।
आए दिन लकड़कटे हरियाली पर इलेक्ट्रानिक आरे चला रहे हैं। इलेक्ट्रिक आरे वन माफियाओं के लिए वरदान बना हुआ है। हो कुछ भी परंतु जिस तरह से जिम्मेदारों के संरक्षण में धड़ल्ले चलाया जा रहा है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंद ही दिनों मे जिले की हरियाली जिम्मेदार ही उजडवा देगें। ताजा मामला सरेनी क्षेत्र के हुल्लापुर के पास का है जहां रविवार को आम, महुआ के कई पेड़ों पर वन माफिया धड़ल्ले से आरे चला रहे थे। वन माफियाओं ने बेखौफ ढंग से पूरे बाग ही उजाड़ दी। हद तो तब पार होती है जब मामले की सूचना जिम्मेदारों को दी गई किंतु जानकारी देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। यदि सूत्रों की मानें तो स्थानीय पुलिस और वन विभाग की सह पर हरे पेड़ों की कटान करवाया जा रहा है।
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरा-भरा प्रदेश बनाने की मुहिम पर लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस अभियान को कोई और नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस व वन विभाग के जिम्मेदार ही वन माफियाओं की सांठ-गांठ से हरियाली पर आरे चलवा रहे है। यह पूरा मामला क्षेत्र मे चर्चा का विषय बना हुआ है।