गांजर में कयामत ढा रही शारदा और घाघरा
प्रशासन अलर्ट, गांजरवासियों में बस रही खतरे की घण्टी
आशियाना छोड़ सुरक्षित स्थान की तलाश में गांजर के लोग
विशाल रस्तोगी
रामपुर मथुरा, सीतापुर। सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बहने से क्षेत्र के चार ग्राम पंचायतों के करीब 65 गांव बाढ़ की भीषण चपेट में आ गए हैं। इधर चौका नदी भी उफान पर होने से क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी भरने के साथ मुख्य मार्गो पर भी पानी बहना शुरू हो गया है।
बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से आज उफनाई सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर पंहुच गया है। फतेपुरवा गांव के पास लगे मीटर गेज पर सरयू नदी का जलस्तर 119.80 सेमी पंहुच गया। लगातार जल स्तर बढने से इलाके के कोठार, फतेपुरवा, दुबेपुरवा, मिश्रणपुरवा, जगरूपपुरवा, कुंभरौरा, कटुआघाट, रानीगंज, अखरी रामरूपपुरवा, निरंजनपुरवा, कनरखी, प्यारेपुरवा, सुंदर पुरवा, अंगरौरा, सोतीपुरवा, खरगीपुरवा, बंगालीपुरवा, हरिपुरवा, अखरी, बाबाकुटी, शंकर पुरवा, क्योडा, गोमतीपुरवा, बनवारीपुरवा, जगन्नाथपुरवा, बलेसरपुरवा समेत करीब 65 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। बक्सीपुरवा, दुबेपुरवा, शंकरपुरवा, अखरी, प्यारेपुरवा, निरंजनपुरवा, गोमतीपुरवा, जगरुप्पुरवा, झगटुपुरवा, हरिपाल पुरवा, बुचौ पुरवा, कोठार, अहिरन पुरवा, सोहलियागंज, नागेसरपुरवा, पीताम्बरपुरवा लोधनपुरवा, शिवनाथपुरवा, हरिपुरवा, कैलाशपुरवा, कंनरखी घाट सहित करीब 35 गांवों में करीब 6 से 7 फिट गहरा पानी बह रहा है।
इन गांवों को जाने के सभी संपर्क मार्ग नदी में तब्दील हो चुके है। यहां पर केवल नाव द्वारा ही पंहुचा जा सकता है। रामपुर मथुरा-टिगड़ा, धन्धी-रामपुर मथुरा, तटबन्ध-अखरी, रामपुर मथुरा-महमूदाबाद मार्ग पर बने दुलम्पुरवा रपटा पुल, रामपुर मथुरा-तिवारीपुर, बांसुरा-भगौतीपुर, भगौतीपुर-पारा क्योडा, दहला-थानगांव, चंदौली पुल-बांसुरा घाट, बहादुरगंज-ग्वाहडीह सहित कई मुख्य व लिंक मार्ग कटने की कगार पर है। इनके कटने से पड़ोसी मुख्य बाजारों से संपर्क भी टूट सकता है। जिससे तटबन्ध या अन्य जगहों पर रहे लोगों के जीवन यापन के लिये जरूरी वस्तुओं का पंहुचना भी बन्द हो सकता है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ पँहुचने वाले वाहनों का आवागमन भी बन्द हो जाएगा। अखरी, अंगरौरा व कलुआपुर में तटबन्ध पर लगभग 60-70 परिवार तटबंध पर त्रिपाल लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं।
अपना डूबा आशियाना छोड़कर तटबन्ध पर आने वाले गजराज, केसऊ, मुन्नू आदि ग्रामीणों ने बताया कि तटबन्ध पर त्रिपाल के नीचे थोड़ी जगह में जीवनयापन करना बहुत मुश्किल है। बाढ़ पीड़ित व तटबन्ध पर 2 दिनों पूर्व आई प्यारेपुरवा निवासी उषा देवी एक छोटे से त्रिपाल के भीतर थोड़ी सी भीगी लकड़ियों को इकट्ठा कर खाना बना रही थी। उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी और बरसात के कारण कल से खाना नही बना सकी, आज किसी तरह बच्चो की भूख मिटाने के लिए व्यवस्था की है। यह कहते हुए उषा देवी बहुत भावुक हो गई। ऊपर से हो रही बरसात से बचने के लिए कोई मुकम्मल इंतजाम नही है। पीड़ितों ने बताया कि आज लंच के रूप में केला और बिस्किट का वितरण प्रशासन द्वारा किया गया है। चौका नदी के लगातार बढ़ने से भी किसानों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। चौका नदी का पानी खेतो में भरने के बाद अब बांसुरा स्थित पॉवर हाउस में भी भरने लगा है जिससे विद्युत आपूर्ति बहाल होने में बाधा खड़ी हो रही है। बीते दिवस से करीब 500 गांवों की बन्द विद्युत व्यवस्था आज भी बहाल नही हो सकी है।
जानकारी करने पर जेई गोविन्द प्रसाद ने बताया कि आज रामपुर मथुरा फीडर को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। किंतु बढ़ते जलस्तर से समस्याएं आ रही है। बाढ़ की तैयारियों के संबंध में एसडीएम मिथलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया की जलस्तर बढ़ने से परेशानी अवश्य है। बाढ़ पीडितो की मदद के लिए व लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए 4 कानूनगो, 21 लेखपाल तथा ब्लॉक व राजस्व की टीमें लगाई गई है। आज नाव की संख्या बढ़ाकर 41 की गई है। चारो ग्राम पंचायतों के पीड़ितों के लिए 2000 लंच पैकेट वितरित करवाये जा रहे है। अंगरौरा व अखरी में 1000 केला व 1000 बिस्किट वितरित किया गया है। जिन परिवारों के पास खाने या राशन की समस्या है उसके लिए 2 दिनों में ही राशन किट वितरित किये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
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