बाढ़ व कटान निरोधक कार्यों के लिये प्रशिक्षित किये गये सचिव, लेखपाल व तकनीकी सहायक
बाढ़ व कटान निरोधक कार्यों के लिये प्रशिक्षित किये गये सचिव, लेखपाल व तकनीकी सहायक
कटानरोधी कार्यों की कार्ययोजना तैयार करने का डीएम ने दिया निर्देश
अब्दुल शाहिद
बहराइच। जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान ग्राम प्रधानों व ग्रामवासियों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ व कटान रोधी कार्य कराएं जाने, मार्गों के उच्चीकरण करने तथा जल भराव वाले क्षेत्रों में प्लेटफार्म निर्माण कराये जाने के सुझाव पर जिलाधिकारी मोनिका रानी द्वारा अधि.अभि. ड्रेनेज खण्ड को कटानरोधी कार्यों की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए यह भी सुझाव दिया कि फिलहाल सम्बन्धित ग्रामों मनरेगा योजना से आवश्यकतानुसार कटान रोधी कार्य करा दिये जायं।
डीएम मोनिका रानी ने अधि.अभि. ड्रेनेज खण्ड को यह भी निर्देश दिया था कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम सचिवों, लेखपालों व तकनीकी सहायकों को कटान व बाढ़ रोधी कार्यों का प्रशिक्षण भी दे दें, ताकि ग्राम पंचायतें मनरेगा योजना से छोटे-मोटे बाढ़ व कटान रोधी कार्यों को करने हेतु स्वयं सक्षम हो जाएं।
जिलाधिकारी के निर्देश पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाढ़ पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक के दौरान अधि.अभि. ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा द्वारा पी.पी.टी. के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम सचिवों, लेखपालों व तकनीकी सहायकों को नदी की कटान से सुरक्षा हेतु मनरेगा अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों स्लोप कटिंग, स्लोप पिचिंग, बल्ली पाईलिंग, नायलान क्रेट में ब्रिक रोढ़ा भरी सीमेन्ट की बोरियों द्वारा लांचिंग एप्रन कटान निरोधक कार्य, बैम्बू क्रेट बनाने की प्रक्रिया व कार्य, बैम्बू क्रेट से बनाये गये कटर, फ्लोटिंग ट्री स्पर द्वारा कटान निरोधक कार्य, बैम्बू पाइलिंग, बोल्ड पिचिंग, जियो बैग पिचिंग एवं पारक्यूपाइन कार्यों के सम्बन्ध में व्यवहारिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
डीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ व कटान निरोधक कार्य में तकनीकी सहयोग के लिए ड्रेनेज खण्ड के सहायक व अवर अभियन्ता ब्लाकवार नोडल अधिकारी नामित कर दिया जाय।
बैठक के दौरान डीएम ने सचिवों व लेखपालों से पूर्व वर्षो की बाढ़ के दौरान किये गये बचाव एवं राहत कार्यों के बारे में फीडबैक प्राप्त करते हुए निर्देश दिया कि ऐसे क्षेत्रों में जहां संभावित बाढ़ के दौरान राहत सामग्री पहुंचाने में समस्या आ सकती है, बचाव एवं राहत कार्य की सामग्री का पहले से प्रबन्ध कर लिया जाय। सचिवों व लेखपालों द्वारा बताया गया कि बाढ़ के दौरान मार्गो पर पेड़ गिरने से मार्ग अवरूद्व हो जाने के कारण बचाव एवं राहत कार्य में समस्या आती है।
इस सम्बंध में जिलाधिकारी द्वारा वन विभाग को निर्देश दिये गये कि बाढ़ के दौरान मार्गो पर गिरने वाले पेड़ों को तत्काल हटाया जाय ताकि बचाव एवं राहत कार्य तत्परता से संचालित किया जा सके। डीएम ने सीएमओ निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सम्बन्धित स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित मात्रा में दवाएं, एंटीस्नेक ओमेन की उपलब्धता सुनिश्चित करा ली जाय। सीवीओ को निर्देश दिये गये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं को संभावित बाढ़ के दौरान चारा इत्यादि किसी प्रकार की समस्या न आने पाये इसके लिए पहले से पर्याप्त मात्रा में भूसा इत्यादि का प्रबन्ध पहले से कर लिया जाय। इसके अलावा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, उपजिलाधिकारी मोतीपुर संजय कुमार, नानपारा के अजित परेश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, उपायुक्त मनरेगा के.डी. गोस्वामी सहित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम सचिव व लेखपाल मौजूद मौजूद रहे।
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