दीर्घकालीन व गम्भीर मानसिक विकार है स्कीजोफ्रेनियाः डा. उत्तम गुप्ता | #TejasToday

दीर्घकालीन व गम्भीर मानसिक विकार है स्कीजोफ्रेनियाः डा. उत्तम गुप्ता | #TejasToday

मानसिक व यौन रोग विशेषज्ञ ने वर्चुअल गोष्ठी के माध्यम से दी जानकारी

जौनपुर। नगर के वाजिदपुर तिराहे पर स्थित मंगल क्लीनिक में वर्चुअल गोष्ठी हुई जहां वरिष्ठ मानसिक, नस, मिर्गी, सिरदर्द, नशा एवं यौन रोग विशेषज्ञ डा. उत्तम गुप्ता ने बताया कि 24 मई को स्कीजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। यह एक दीर्घकालीन एवं गंभीर मानसिक विकार है जो व्यक्ति के सोचने, महसूस करने एवं व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करता है। स्कीजोफ्रेनिया से ग्रस्त व्यक्ति ऐसे महसूस कर सकते हैं कि उन्होंने वास्तविकता के साथ सम्पर्क खो दिया है। हालांकि स्कीजोफ्रेनिया अन्य मानसिक विकारों की तरह आम नहीं है परंतु इसके लक्षण बहुत अक्षमताकारक हो सकते हैं। डा. गुप्ता ने आगे बताया कि पढ़ाई-लिखाई, अपने कामकाज अथवा सामाजिक क्रिया-कलापों में अत्यधिक असमर्थ होने की अनुभूति होती है। आप ऐसे चीजों को देखते, सुनते, सूंघते या महसूस करते हैं जो है ही नहीं। अगर ऐसा है तो स्कीजोफ्रेनिया हो सकता है। उन्होंने स्कीजोफ्रेनिया के लक्षण बताते हुए कहा कि इसके लक्षण आम तौर पर 16 से 30 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होती है। दुर्लभ मामलों में स्कीजोफ्रेनिया बच्चों में भी पाया जाता है। स्कीजोफ्रेनिया के लक्षणों की 3 श्रेणियां होती है। सकारात्मक, नकारात्मक एवं संज्ञानात्मक। सकारात्मक लक्षण ऐसे मानसिक व्यवहार होते हैं जो आम तौर पर स्वस्थ लोगों में दिखाई नहीं देते। सकारात्मक लक्षण वाले लोग वास्तविकता के कुछ पहलुओं के साथ संपर्क से वंचित हो सकते हैं। नकारात्मक लक्षण सामान्य भावनाओं एवं व्यवहारों से विच्छेदित से संबंधित होते हैं। संज्ञानात्मक लक्षण कुछ रोगियों के लिए सूक्ष्म होते हैं लेकिन अन्य के लिए ये अधिक गंभीर होते हैं और रोगी अपने याददास्त या सोचने के अन्य पहलुओं में बदलाव देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्कीजोफ्रेनिया से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल करना और उसकी मदद करना मुश्किल हो सकता है। यह पता लगाना कठिन हो सकता है कि उस व्यक्ति की बात पर कैसे प्रतिक्रिया करें जो अजीब या बिल्कुल झूठी बातें करता है। यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि स्कीजोफ्रेनिया एक जीव-वैज्ञानिक बीमारी है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि आप अपने परिजन के लिए निम्नांकित कार्य कर सकते हैं। उनका उपचार करवाएं और उन्हें उपचार जारी रखने के लिए प्रेरित करें। यह याद रखे कि उनके विश्वास और उनके भ्रम उन्हें अत्यंत वास्तविक लगते हैं। उन्हें यह बताएं कि आप यह स्वीकार करते हैं कि हर किसी को चीजों को अपने तरीके से देखने का अधिकार होता है। उनके खतरनाक या अनुचित व्यवहार को सहन किए बिना उनके प्रति सम्मान बनाए रखें। उनकी सहायता करें और दयाभाव रखें। अपने क्षेत्र में इससे संबंधित किसी सहायता समूह का पता लगायें।

 

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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