हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी
कुढा में 18 मकानों को गिराने का हुआ था आदेश, न मानने पर अवहेलना का चल रहा वाद अनुभव शुक्ला सलोन, रायबरेली। जिले की सलोन एक ऐसी तहसील जहां के अधिकारियों के रुतबों के आगे उच्च न्यायालय का आदेश भी बौना साबित होता है। लोगों ने अक्सर देखा होगा कि सलोन तहसील में तानाशाही व लचर कार्यशैली से चर्चित अधिकारी अब तक में कई मामलों में उच्चाधिकारियों व सत्ता पक्ष के नेताओं की आदेशों की अवहेलना करते नजर आए। किंतु यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि सलोन तहसील प्रधान के अधिकारी उच्चाधिकारियों व सत्तापक्ष की ही नहीं, बल्कि हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ के निर्देशों को मानना मुनासिब नहीं समझते है।
जी हां, यह कड़वा सत्य है क्योंकि सलोन तहसील क्षेत्र के छतोह ब्लाक स्थित कुढा गांव में सरकारी जमीन पर भू माफियाओं ने तहसील प्रशासन के जिम्मेदारों की संरक्षण के चलते एक नहीं बल्कि सरकारी स्कूल फार्म के जमीन पर 18 मकानों का अवैध निर्माण कर लिया जिसकी शिकायत लेकर पीड़ित लगातार अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काटता रहा किंतु प्रभाव व प्रलोभन में आकर सलोन तहसील के अधिकारी लगातार झूठी रिपोर्ट के सहारे अपनी नैया पार करने में लगे रहे । जिससे थक हार कर पीड़ित ने हाईकोर्ट खंड पीठ लखनऊ में न्याय की गुहार लगाई जहां सरकारी स्कूल फार्म की जमीन में बने 18 मकानों को गिराए जाने का स्पष्ट आदेश जारी किया किंतु उसके बावजूद भ्रष्ट व लापरवाह कार्यशैली से चर्चित सलोन तहसील के अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशानुसार अवैध मकानों को गिराने नहीं बल्कि भू माफिया की पैरवी करते हुए आदेश की अवहेलना कर दिए जिस पर पीड़ित ने थक हार कर हाई कोर्ट खंडपीठ लखनऊ में (कंडेंम्ड आफ कोर्ट) न्यायालय के आदेश की अवहेलना का वाद दायर कर दिया जिसके बाद अब तक में सलोन तहसील के अधिकारी भूमाफियाओं के ऊपर अपनी छत्रछाया बनाकर आदेश की अवहेलना का वाद लड़ते चले आ रहे हैं।
तहसील प्रशासन के अधिकारियों की इन करतूतों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश पर भी सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा नहीं हटाएंगे, वे अधिकारी शिकायती पत्र पर उच्चाधिकारी व सत्ता पक्ष के नेताओं का निर्देश पालन कर सरकारी जमीनों को भू—माफिया के चंगुल से क्या मुक्त कराएंगे? यह एक सबसे बड़ा अहम सवाल बना हुआ है। आखिर सलोन तहसील के अधिकारी हमेशा भू माफियाओं के ही पक्ष में क्यों नजर आते हैं। इन प्रश्नों का उत्तर मिलना मील का पत्थर साबित होता नजर आ रहा है।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।