बीआरसी से प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का नहीं छूट रहा मोह
नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय कार्यालय के विभागीय कार्यों में लेते हैं अधिक रुचि
लगभग 3 दशकों से बीआरसी में कायम है प्रधानाध्यापक का साम्राज्य
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। शिक्षा विभाग में नित नए नए कारनामों की चर्चा सुनाई दे ही जाती है लेकिन कुछ ऐसे खेल चल रहे हैं जिसकी जानकारी लगभग उच्चस्तरीय अधिकारियों को भी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सलोन विकास खण्ड के खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भवन से ही सटे प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक अपना वर्चस्व कायम किये हैं। सूत्रों की माने तो लगभग 3 दशकों से बीआरसी में प्रधानाध्यापक का साम्राज्य बना हुआ है। इसी प्रधानाध्यापक के रहमों करम पर ही टाइम्स कान्वेंट स्कूल को मानक विहीन होने के बाद भी रिश्वत लेकर कक्षा पांच तक की मान्यता दिला दी गई और यह विद्यालय जूनियर कक्षाओं तक बेरोकटोक संचालित हो रहा है। आदर्श पब्लिक स्कूल भी पांच तक की मान्यता लेकर जूनियर तक चल रहा है। इतना ही नहीं दर्जनों स्कूलों से बाकायदा महीने के हिसाब से यह प्रधानाध्यापक अवैध वसूली कराता है। मूल कर्तव्य से भटक बीआरसी से प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का मोह नहीं छूट रहा है। इसी अवैध वसूली के लिए नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय कार्यालय के विभागीय कार्यों में अधिक रुचि लेता है। सबसे दिलचस्प है कि खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के सरकारी पत्रावलियों में इसके द्वारा हस्ताक्षर भी किये गए हैं। अगर उच्चस्तरीय जांच करा ली जाए तो सरकारी अभिलेखों में किये गये हस्ताक्षर प्रधानाध्यापक की गले की फांस बन सकता है। फिलहाल अब देखना है कि कब इसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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