कारगिल युद्ध में शहीद जवान के चबूतरे को नष्ट करने का प्रयास
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े बड़े पर्दे टेलीविजन व समाचार पत्रों के माध्यम से भले ही देश की रक्षा करने वाले वीर जवानों के प्रति शहादत, नम्र आंखों नमन कर उनकी वीरता की कहानी लिखते हैं परंतु भला जब भारत पाकिस्तान कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवान कुंज बिहारी ने अपनी वीरता को दिखाते हुए अपने जीवन को देश के प्रति समर्पित कर अपनी जीवन लीला समाप्त की थी। इनके शहीदों की स्मृतियों को सजोने के स्थान पर उन्हें मिटाने की कोशिश की जा रही है। शहीद के भाई ने मामले की शिकायत डीएम से की है।
मामला तहसील क्षेत्र के गांव रत्नापुर मजरे सलारपुर निवासी छैल बिहारी मिश्र के भाई कुंज बिहारी भारतीय सेना में जवान थे। वह सन् 1965 में भारत पाकिस्तान की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी याद में शासन द्वारा उनके गांव में एक चबूतरे का निर्माण कराया गया था जहां जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी इस कदर की कि वीरगति प्राप्त करने वाले कुंज बिहारी के स्मारक स्थल कार्य को रोक करके अधूरा छोड़ दिया। शासन में रहकर कई बार सत्ता में परिवर्तन हुआ लेकिन जिस देश के जवानों पर फक्र करने वाले नेताओं ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और कार्य अधूरा ही रह गया।
वहीं कुंज के बिहारी भाई बिहारी मिश्र ने बताया कि कई बार जिले में बैठने वाले जिम्मेदारों को चेताया भी किंतु जिम्मेदारों के कानों में जू तक नहीं रेंगी और स्मारक स्थल खंडहर में तब्दील हो गया जबकि शासन के नियमो को चक्रव्यू घूमा तो ग्रामसभा में पड़ी कई आबादी व बंजर भूमि को छोड़कर ग्राम के मुखिया व राजस्वकर्मियों और उच्च अधिकारियों ने स्मारक स्थल के चबूतरे को तोड़कर यहां पानी की टंकी के निर्माण का प्रस्ताव हुआ है जिसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीण काफी आहत है। शहीद के भाई ने पानी की टंकी प्रस्ताव को खारिज कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग किया है। उनका कहना है कि उनके शहीद भाई की स्मृतियों को बचाया जाय।
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