प्रधान ने प्रधानाध्यापिका समेत बीईओ पर लगाया आरोप
प्रधान ने प्रधानाध्यापिका समेत बीईओ पर लगाया आरोप
कहा— बिना मेरी जानकारी के विद्यालय के जर्जर भवन की हो गयी निलामी
उग्रसेन सिंह
करंडा, गाजीपुर। स्थानीय ब्लाक के प्राथमिक विद्यालयों में इस समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहीं शिक्षक विद्यालय नहीं आते तो कहीं विद्यालय आने पर अनुपस्थित दिनों का हस्ताक्षर उपस्थित रजिस्टर पर बनाकर चले जाते हैं। किसी स्कूल के बच्चे लकड़ियां ढ़ोते नजर आते हैं। यहां गुटबाजी चरम पर है। एक ऐसा ही मामला ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय इटहरा लीलापुर का तूल पकड़ने लगा है जहां ग्राम प्रधान मनोज यादव ने बीईओ राघवेन्द्र सिंह समेत प्रधानाध्यापिका माया कुमारी पर गंभीर आरोप लगाया है।
प्रधान का आरोप है कि विद्यालय में एक रसोईया जानकी देवी थी जिनकी मृत्यु अगस्त 2022 में हो गई थी जिसके कुछ ही दिन बाद प्रधानाध्यापिका और बीईओ द्वारा बिना हमारे मर्जी व हस्ताक्षर के दो रसोईया का फर्जी तरीके से नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि जब प्रधानाध्यापिका से कार्यवाही रजिस्टर मांगते हैं तो प्रधानाध्यापिका द्वारा साफ कहा जाता है कि एसडीआई साहब मना किए हैं। प्रधान ने बताया कि हैरानी की बात तो यह है कि जिन रसोईयों का नियुक्ति किया गया है, उनके बच्चे विद्यालय में नहीं पढ़ते हैं।
उन्होंने बताया कि मानक के विपरीत फर्जी बच्चों को दिखाकर दो रसोईयों का चयन किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 12वें महीने 2022 में विद्यालय के जर्जर भवन की ध्वस्तीकरण के निलामी प्रकिया में प्रधानाध्यापिका माया देवी द्वारा कहा गया था कि प्रधान जी कुछ मानिंद लोगो के साथ गांव के लोगों को निलामी प्रकिया में शामिल कीजिए।
जर्जर भवन की निलामी की जनवरी माह में 38000 रेट लग चुकी थी। प्रकिया पूर्ण होने के समय लेने वाले तैयार थे। प्रधान ने बताया कि कार्रवाई में लिखा गया है कि कोई लेने वाला नहीं है। कुछ महीने बीत जाने के बाद बगैर हमारे जानकारी के विद्यालय के जर्जर भवन की निलामी हो गई। प्रधानाध्यापिका से कार्यवाही में लिखने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एसडीआई साहब मना किये है।
प्रधान का यह भी कहना है कि इस संबंध में एसडीआई से बात करने पर उन्होंने बताया कि पेपर में टेंडर निकाला था नहीं देखे,हम फालतू बातें नहीं करते हैं।
इस संबंध में विद्यालय के जर्जर भवन को लेकर प्रधानाध्यापिका ने बतायी कि इसमे हमारा कोई रोल नहीं है। जिला से सब हुआ है। हमको कोई जानकारी नहीं है।
वहीं रसोईयां सविता व निशा की नियुक्ति के तारीख को पूछे जाने पर प्रधानाध्यापिका तारीख नहीं बता पायी। एक सवाल पर प्रधानाध्यापिका ने कहा कि विभाग से आदेश मिलने पर दस्तावेज पेश कर दूंगी। फिलहाल आरोप—प्रत्यारोप का दौर जारी है अब तो निष्पक्ष जांच होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि क्या सही है और क्या ग़लत।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।