परिषद व उद्योग के काम में बांधा डाल रहे हैं लोगः उमर हमीद
ओबैदुल्ला असरी
भदोही। कार्पेट एक्सपो मार्ट में गुरुवार को सीईपीसी के चेयरमैन उमर हमीद ने दिल्ली और शेष भारत के सीओए सदस्यों के साथ बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के सीओए सदस्यों के साथ आपातकालीन बैठक की। उन्होंने बैठक में यूपी के सभी सदस्यों को सीईपीसी और कालीन उद्योग की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया।
इस अवसर पर सीईपीसी चेयरमैन ने कहा कि अभी हाल ही में परिषद के चुनाव के बाद नई टीम गठित हुई है जिसके बाद हमने उद्योग हित में कुछ निर्णय लिए और आरओडीटीईपी (रोडटेप), इंट्रेस्ट सबवेंशन, एक्सपो मार्ट संचालन, कालीन लेबल ब्रांडिंग और परिषद के आगामी आयोजनों पर काम करना शुरू किया।
मगर बड़े दुख से कहना पड़ रहा है संजय गुप्ता की अगुवाई वाली टीम ने परिषद के कार्यों में बाधा डालने की नियत से सीईपीसी के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। विभिन्न मंचों पर न केवल अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं बल्कि शिकायतें की जा रही हैं। श्री हमीद ने कहा कि हमने दृढ़ता से विधिवत सभी शिकायतों का जवाब भी दिया है। अब उन्होंने विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और वस्त्र मंत्रालय में सरकारी अधिकारियों को शिकायती पत्र लिखे हैं और आरटीआई दायर किया है। जबकि आरटीआई में सभी आरोप गलत, तथ्यहीन और मनगढ़ंत हैं लेकिन फिर भी उनका भी कानूनी और आधिकारिक रूप से जवाब भेजा गया है, फिर भी परिषद के कार्यों को बाधित करने का उनका अभियान नहीं रुका है और वे मंत्रालय और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) को राजनीतिक सहयोग लेकर अनर्गल शिकायतें लगातार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब यदि हम लोग केवल मनगढ़ंत शिकायतों के ही जवाब ही देते रहेंगे तो परिषद या कालीन उद्योग के कार्यों को कब निष्पादित करेंगे। चेयरमैन ने कहा कि सवाल-जवाब में फंसे रहना हमारी दैनिक दिनचर्या बन गई है। इन परिस्थितियों में उद्योग पर ध्यान केंद्रित कर पाना मुश्किल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यदि सबकुछ इसी तरह से चलता रहा तो निश्चित रूप से कालीन उद्योग का कार्य प्रभावित होगा। जिसके लिए शिकायत करने वाले लोग ही जिम्मेदार माने जाएंगे। आज ही जब हम लोग बैठक कर रहे थे तो सीईपीसी दिल्ली दफ्तर से सूचना मिली है कि विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय को एक और शिकायत भेजी गई है। यह केवल परिषद को अस्थिर करने ही नहीं बल्कि कालीन उद्योग को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।
जिसके लिए कालीन उद्योग के लोग ऐसे लोगों को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि जो लोग शिकायतें करने में रूचि दिखा रहे हैं, उसमें से एक सीनियर मेंबर जो चुनाव के तत्काल बाद सीईपीसी द्वारा कराए चुनाव को निष्पक्ष बताकर सराहना कर चुके हैं। ऐसे में मैं यही आग्रह करुंगा कि हार को स्वीकार करना सीखें और चुनाव में जो भी नतीजा आया है, उसे स्वीकार कर कालीन उद्योग की बेहतरी के लिए हमारे कदम से कदम मिलाकर सहयोग करें। अंत में मैं सीईपीसी के बाकी सीओए सदस्यों को धन्यवाद देता हूं जो इस मुश्किल समय में कालीन उद्योग और उद्यमियों के साथ हैं। इस मौके पर सीईपीसी सदस्य वासिफ अंसारी, अनिल सिंह, बोधराज मल्होत्रा, श्रीराम मौर्य, फिरोज वजीरी, इम्तियाज अहमद, रोहित गुप्ता, असलम महबूब आदि उपस्थित रहे