देश के मतदान पर्व में हमारा कर्तव्य व कितने तैयार हैं हम?

देश के मतदान पर्व में हमारा कर्तव्य व कितने तैयार हैं हम?

देश के चुनाव अब बहुत नजदीक है और इसको लेकर हम-सब कितने तैयार है और हमारा कर्तव्य क्या है? यह सभी को गंभीरतापूर्वक सोचना होगा। आंकड़ों के अनुसार हमारे देश कि जनसंख्या लगभग 150 करोड़ तक पहुंच गई है और मताधिकार को लेकर हम कितने जागरूक हैं। इसके लिए कुछ आंकड़ों पर गौर करना होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ 47 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में जहां कुल 45.67 फ़ीसदी मतदान हुआ था तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 67.40 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह भारत के लोकसभा चुनाव के इतिहास में सर्वाधिक मत प्रतिशत था।
भारत दुनिया की सबसे बड़ी प्रवासी आबादी वाला देश भी है। करीब 1.35 करोड़ अनिवासी भारतीय दुनिया भर में भी फैले हुए हैं। इसको लेकर प्रवासी भारतीयों को डाक और ई-मतपत्र या अपने प्रतिनिधि के जरिये (प्रॉक्सी वोट) मतदान का अधिकार देने का निर्वाचन आयोग का सुझाव स्वीकार जरूर कर लिया गया है लेकिन यह कितना कारगर होगा यह आगे भी ध्यान रखना होगा। साथ ही हम अपने देश में अपने अपने घड़ों में बैठे हम-सब भारतीय व प्रवासी भारतीय इस चुनाव पर्व को लेकर कितने तैयार है यह समय रहते सभी को सूनिश्चत करना होगा।
हम सभी को यह नहीं भूलना चाहिए कि मतदान समाज व देश हित में तो है। साथ ही सबसे पहले हम सभी के हित में भी है, इसलिए गंभीरतापूर्वक विचार कर यह सूनिश्चत करना होगा कि इस महापर्व के लिए हम सब कितने तैयार है। इसके लिए सबसे पहले मतदाता सूची, मतदाता पहचान-पत्र अथवा निर्वाचन से संबंधित किसी भी तरह त्रुटियों को संसोधन कर तत्परता के साथ तैयार कर लेना चाहिए। वहीं खुद तो मतदान करें। साथ ही अपने दोस्तों, परोसी व परिवार को भी इसके लिए प्रेरित करें।
एक बात हमेशा याद रखें कि हमारा भारत को यूं ही लोकतंत्र की जननी नहीं कहा जाता है, बल्कि इसके पीछे कई वजहें हैं। जैसे- भारत का चुनाव आयोग कम से कम 40 देश को चुनाव कराने की ट्रेनिंग देता है और बारीकियां सिखाता है। कई देशों के चुनाव अधिकारियों व कर्मियों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित करता है, इसलिए एक जागरूक भारतीय नागरिक कि तरह हमें अपने देश के मतदान फीसदी को अनुरक्षण भी करना चाहिए। साथ ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 एक सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को निर्वाचित सरकार के सभी स्तरों के चुनावों के आधार के रूप में परिभाषित करता है, इसलिए अपने स्वार्थ को मूल रूप से भुला कर देश व समाज हित के मद्देनजर अपने मताधिकार का प्रयोग कर बेहतर जन प्रतिनिधि चुनने में सहायक बने। साथ ही मतदाता सूची, मतदाता पहचान-पत्र अथवा निर्वाचन से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करवाने के लिए आप इसकी वेबसाइट पर लॉग इन कर अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं। सामान्य पूछताछ के लिए 1950 व नियंत्रण कक्ष 23052220, 23052221 पर सम्पर्क कर अपना मतदान प्रक्रिया पहले ही सूनिश्चत करें।

इं. आर.के. जायसवाल (समाजसेवी)
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मानवाधिकार एक्शन फोरम

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