जल निगम भर्ती घोटाले में अब आजम खां पर कसा शिकंजा

जल निगम भर्ती घोटाले में अब आजम खां पर कसा शिकंजा

लखनऊ(पीएमए)। सपा शासनकाल में जलनिगम में पदों पर हुए भर्ती घोटाले मेंं दाखिल आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपित सपा सांसद आजम खां को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 19 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया है। विशेष जज मनोज पांडेय ने आजम खां को न्यायिक अभिरक्षा में लेने के लिए सीतापुर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को निर्देश दिया कि तय तारीख पर सुबह 11 बजे उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। विशेष जज ने इस मामले में गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, नीरज मलिक, विश्वजीत सिंह, अजय कुमार यादव, संतोष कुमार रस्तोगी, रोमन फर्नाडीज और कुलदीप सिंह नेगी के विरुद्ध समन जारी करने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि 25 अप्रैल, 2018 को इस मामले की रिपोर्ट लखनऊ के एसआइटी थाने में इंस्पेक्टर अटल बिहारी ने दर्ज कराई थी। विवेचना में एसआइटी ने आजम खां समेत उक्त आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। विशेष अदालत ने आजम खां व गिरीश चंद्र श्रीवास्तव के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण के तहत मामला संज्ञान लिया है।

साजिश के खुलासे के बाद ताजनगरी हुई हाई अलर्ट

सपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित जल निगम भर्ती घोटाले में कई तत्कालीन अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी। मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पूर्व मंत्री व सांसद आजम खां को वीडियो कान्फ्रेंसि‍ंग के जरिये 19 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया है। अब आरोपित तत्कालीन अधिकारियों पर भी जल्द कानूनी शिकंजा कसेगा। जांच एजेंसी जल्द कुछ अन्य आरोपितों के विरुद्ध भी आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।
एसआइटी ने जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खां समेत आठ आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। जबकि आरोपित तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी समेत कई अधिकारियों के विरुद्ध भी जांच चल रही है। पूर्व मंत्री आजम खां के ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद, तत्कालीन सचिव नगर विकास प्रकाश सि‍ंह, तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे व अन्य आरोपित भी हैं। इन पर भी जल्द कानूनी शिकंजा कसेगा। उल्लेखनीय है कि मामले में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रकिया में अनियमितता बरते जाने के साथ ही उनके सवालों का गलत मूल्यांकन तथा उत्तर पुस्तिकाएं भर्ती प्रकिया पूरी होने के बाद दिखाए जाने के आरोप लगाए थे।
शिकायतों को गंभीरता से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच एसआइटी से कराने का निर्णय किया था। एसआइटी ने जांच में अनियमिताएं पाए जाने पर शासन से प्रकरण में एफआइआर दर्ज कराए जाने की सिफारिश की थी। बाद में एसआइटी ने पूर्व मंत्री आजम खां सहित अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।

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