नोडल अधिकारी की सख्ती से अवैध अस्पताल संचालकों में मचा हड़कम्प
नोडल अधिकारी की सख्ती से अवैध अस्पताल संचालकों में मचा हड़कम्प
गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव दीक्षित की कार्यशैली से अवैध रूप से संचालित होने वाले अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। निजी क्लीनिक व अस्पताल के नोडल अधिकारी नियुक्त होने के बाद यह कुछ अलग कर दिखाने की तमन्ना रखते हैं। मीडिया टीम से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में बगैर पंजीकरण के कोई भी व्यक्ति अस्पताल, क्लीनिक व लैब का संचालन नहीं कर सकता है। निजी अस्पताल व लैब संचालक के पास मेडिकल की डिग्री होना आवश्यक नहीं है।
कोई भी व्यक्ति प्रयाप्त स्टाफ रखकर नर्सिंग होम अथवा लैब संचालित कर सकता है। जनपद में 180 निजी अस्पताल, 28 लैब व 30 क्लीनिक पंजीकृत बताए गए हैं। लैब संचालक के पास एक पैथालॉजिस्ट व एक लैब टेक्नीशियन होना आवश्यक है। नर्सिंग होम चलाने के लिए एक एमबीबीएस डाक्टर के साथ ही कम से कम तीन पैरामेडिकल स्टाफ का होना जरूरी बताया गया है। मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाला व्यक्ति पंजीकरण के बाद कहीं भी अपना क्लीनिक संचालित करने के लिए स्वतंत्र है। सभी प्रतिष्ठानों पर फायर उपकरण स्थापित होने के साथ ही विभाग से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र होना चाहिए। डाा. दीक्षित द्वारा अब तक 35 अस्पताल तथा लैब व निजी क्लीनिक संचालित करने वाले 50 लोगों की जांच कर उनको नोटिस जारी करने की बात कही गई है।
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